'ऊं' सिर्फ एक मंत्र नहीं, मन की शांति और ऊर्जा का सबसे सरल उपाय
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। ऊं एक बहुत ही विशेष मंत्र है, जिसे ब्रह्मांड की पहली ध्वनि माना जाता है। इसे तीन भागों (अ, उ और म) में बांटा गया है। ‘अ’ सृजन और व्यापकता का प्रतीक है, ‘उ’ बुद्धि और संचालन का और ‘म’ अनंतता और स्थिरता का। इन तीनों का मतलब मिलाकर यही होता है कि 'ऊं' में परम सत्ता का पूरा स्वरूप समाया हुआ है। यही कारण है कि इसे सभी मंत्रों का बीज मंत्र कहा जाता है।