नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के प्रदूषण नियंत्रण पर गुरुवार को लोकनिवास (राजनिवास) में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट निर्देश जारी किए गए कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सभी विभागों को यह भी कहा गया कि वे लगातार समन्वित रूप से प्रयास करें ताकि प्रदूषण को और प्रभावी तरीके से लगातार नियंत्रण में रखा जा सके।
इस बैठक में दिल्ली सरकार के शहरी विकास मंत्री आशीष सूद, मुख्य सचिव राजीव वर्मा व संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में यह स्पष्ट निर्देश था कि राजधानी में धूल को हर हाल में नियंत्रित किया जाना जरूरी है। इसके लिए कई स्तर पर प्रयास चल रहे हैं। बैठक में यह भी बात उभरी कि धूल के साथ-साथ कूड़े-मलबे के कारण भी प्रदूषण फैल रहा है। इसके निदान के लिए संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए गए कि वे सड़कों पर सफाई आदि के लिए अधिक मेहनत करें।
डीडीए अधिकारियों को भी कहा गया कि वे राजधानी के विभिन्न इलाकों में खाली पड़ी अपनी भूमि से कूड़ा और मलबा पूरी तरह से हटाएं और यह भी सुनिश्चित करें कि वहां दोबारा से मलबा या कूड़ा न डाला जाए। एमसीडी अफसरों को भी कहा गया कि वे पूरी दिल्ली में सघन सफाई अभियान चलाएं, साथ ही अन्य साधनों से धूल को खत्म करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर पिछली सरकार ने गंभीरता दिखाई होती तो दिल्ली को आज प्रदूषण का संकट न झेलना होता। पूर्व सरकार ने अपने पूरे कार्यकाल में न तो सड़कें बनाईं और न ही मरम्मत करवाई, जिसके चलते सड़कों पर धूल गंभीर समस्या बनी हुई है।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किसी भी विभाग या संबंधित अधिकारी की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। हमने जिलों के डीएम को यह निर्देश दिए हैं कि वे स्वयं अपने क्षेत्र में सफाई व प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों व कार्यों का निरीक्षण करें।
मुख्यमंत्री के अनुसार, डीएम को लापरवाही बरतने वाले सरकारी कर्मियों की एसीआर भी लिखने के अधिकार दिए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अलग से रिव्यू कमेटी भी बनाई गई है जो हर रोज प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे उपायों की समीक्षा करेगी और उसके बाद आदेश या सलाह देगी। इस आदेश को मानना हर विभाग के लिए बाध्य होगा।
मुख्यमंत्री का स्पष्ट कहना है कि हमारा लक्ष्य प्रदूषण नियंत्रण का स्थायी समाधान करना है ताकि वर्तमान के अलावा भविष्य में भी आम जन को परेशानी का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि इस प्रतिबद्धता के चलते आईटीओ क्षेत्र में मिस्ट स्प्रे सिस्टम लगाए गए हैं।
उन्होंने गुरुवार को इसका निरीक्षण किया। मिस्ट स्प्रे सिस्टम के पायलट प्रयोगों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए अब दिल्ली की सभी सड़कों के लिए एक विस्तृत योजना तैयार की जा रही है। फिलहाल, इन्हें हॉट स्पॉट पर लगाया जा रहा है, ताकि वहां प्रदूषण को समाप्त किया जा सके।
मुख्यमंत्री के अनुसार, सरकार ने डीपीसीसी अधिकारियों को आदेश दिए कि प्रदूषण में लापरवाही और साफ-सफाई को लेकर कोताही बरतने वाले सरकारी विभागों के खिलाफ चालान काटा जाए। इसके अलावा, बिना इजाजत रोड कटिंग करने और उसे न भरने वाले सरकारी संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। सीएम रेखा गुप्ता ने यह भी कहा कि इस कोताही के लिए विभाग के प्रमुख को जिम्मेदार माना जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी भी एजेंसी को बख्शा नहीं जाएगा, न सरकारी और न ही निजी एजेंसियों को। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि प्रदूषण नियंत्रण की जनभागीदारी भी जरूरी है।
--आईएएनएस
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