नई दिल्ली, 3 दिसंबर (आईएएनएस)। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार शाम दो दिवसीय भारत दौरे पर पहुंचे। पीएम मोदी और पुतिन के बीच होने वाली इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकी हैं। राष्ट्रपति पुतिन के भारत दौरे से पहले एक मीडिया आउटलेट ने रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसे पीआईबी ने फैक्ट चेक करते हुए भ्रामक बताया।
मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि ''पुतिन की यात्रा को लेकर भारत ने 2 अरब डॉलर का रूसी पनडुब्बी सौदा पक्का किया।'' पीआईबी ने ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में किया गया दावा भ्रामक बताया है।
पीआईबी ने बताया कि भारत और रूस के बीच कोई नया समझौता नहीं हुआ है। पनडुब्बी की लीज, मार्च 2019 में हुए एक पुराने डील पर आधारित है। इसकी डिलीवरी में देरी हुई है और नई डिलीवरी 2028 में होनी है।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत रूस से एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी को लीज पर लेने के लिए लगभग 2 अरब डॉलर का भुगतान करेगा। लगभग एक दशक की बातचीत के बाद इसकी आपूर्ति को अंतिम रूप दिया जाएगा।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह पनडुब्बी नौसेना के बेड़े में पहले से मौजूद दो पनडुब्बी से बड़ी होगी और दो साल के भीतर इसकी आपूर्ति होने की उम्मीद है, हालांकि प्रोजेक्ट की जटिलता के कारण इसमें देरी हो सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी लीज पर लिया गया यह पोत 10 सालों तक भारतीय नौसेना के पास रहेगा और भारत को अपने पोत बनाने के दौरान नाविकों को प्रशिक्षित करने और परमाणु-नौका संचालन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। इस शर्त पर कि इसका उपयोग युद्ध में नहीं किया जा सकेगा।
इस रिपोर्ट के शीर्षक को पीआईबी ने फैक्ट चेक में भ्रामक पाया और कहा कि पनडुब्बी की लीज, मार्च 2019 में हुए एक पुराने डील पर आधारित है। इसकी डिलीवरी में देरी हुई है और नई डिलीवरी 2028 में होनी है।
--आईएएनएस
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