नर्मदा ,4 दिसंबर (आईएएनएस)। गुजरात के नर्मदा जिले में आयोजित एकता मार्च के दौरान बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण के लिए बधाई दी और सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की।
बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान सरदार पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर नर्मदा में निकली एकता मार्च यात्रा में शामिल हुए थे। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि दूरदृष्टि रखने वाले नेताओं के कार्यों को समाज अक्सर देर से समझ पाता है, और सरदार पटेल के साथ भी यही हुआ। उन्होंने कहा कि आज देश महसूस करता है कि अगर सरदार पटेल न होते तो भारत की स्थिति क्या होती।
उन्होंने कहा कि स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सिर्फ एक स्मारक नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है। इससे लोगों में यह जानने की उत्सुकता बढ़ी है कि सरदार पटेल ने देश को एकजुट करने में कितनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि हम सब कृतज्ञता के भाव से सरदार पटेल को नमन करते हैं। समय के साथ उनके कार्यों का महत्व और अधिक बढ़ता जाएगा।
गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान ने मौलाना महमूद मदनी द्वारा ‘जिहाद’ पर दिए बयान पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मदनी का यह कहना कि “जब तक उत्पीड़न होगा, जिहाद जारी रहेगा”, एक सार्वभौमिक सिद्धांत है, और इस विचार से असहमति की गुंजाइश कम है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पीड़न चाहे किसी का भी हो, उसके खिलाफ आवाज उठाना ही कुरान के अनुसार जिहाद का वास्तविक अर्थ है। हालांकि, उन्होंने मौलाना मदनी की सार्वजनिक भाषणों और मदरसों में पढ़ाई जाने वाली सामग्री के बीच अंतर पर चिंता जताई।
राज्यपाल खान ने कहा कि देश के सबसे बड़े मदरसे से जुड़े होने के नाते वे जानते हैं कि वहां पढ़ाई जाने वाली कुछ किताबें जिहाद को अलग संदर्भ में परिभाषित करती हैं, जहां इसे धर्म परिवर्तन न करने वालों के खिलाफ संघर्ष माना गया है। यह दोहरापन समस्या पैदा करता है।
उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों के दिमाग में ऐसे विचार डालना कि सबको एक ही धर्म अपनाना चाहिए और नहीं अपनाने पर संघर्ष जरूरी है, समाज में असुरक्षा की भावना को जन्म देता है।
--आईएएनएस
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