देशभर में वोटर लिस्ट के स्पेशल समरी रिवीजन यानी एसआईआर को लेकर उठ रही आपत्तियों के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की है। दरअसल, सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि गैर-नागरिक अगर लंबे समय तक भारत में रहकर आधार कार्ड बनवा भी लेते हैं, तो इसका यह मतलब नहीं कि उन्हें स्वतः ही मतदान का अधिकार मिल जाएगा। कोर्ट ने साफ कहा कि आधार सिर्फ सामाजिक कल्याण योजनाओं तक पहुंच का साधन है, न कि नागरिकता या वोटर पहचान का प्रमाण। पीठ ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अबतक एसआईआर प्रक्रिया पर कोई ठोस गड़बड़ी या शिकायत सामने नहीं आई है। वहीं इस फैसले के बाद अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज हो गई हैं। बीजेपी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने सुप्रीम कोर्ट के रुख का स्वागत किया और पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि टीएमसी एसआईआर को लेकर जनता में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है, जबकि अदालत ने स्पष्ट रूप से प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति दी है।
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