नई दिल्ली, 4 दिसंबर (आईएएनएस)। खुश रहना सिर्फ अच्छा लगना नहीं, बल्कि शरीर की सबसे बड़ी दवा भी है। व्यस्त दिनचर्या के बीच कुछ छोटी-छोटी बातों को भले ही इग्नोर कर दिया जाता है, मगर वास्तव में खुद को खुश रखना तन और मन दोनों के लिए फायदेमंद है।
दुनिया में शायद ही कोई इंसान हो जो कहे कि 'मुझे और खुशी नहीं चाहिए।' इसका कारण बहुत सरल है। खुशी में सारी टेंशन एक पल में दूर हो जाती है और सबकुछ अच्छा लगने लगता है। उस वक्त न पुरानी बातें सताती है, न आने वाले कल की चिंता रहती है।
खुशी कोई लग्जरी नहीं, बल्कि रोजमर्रा की जरूरत है। इसके लिए महंगी दवाइयों की नहीं, बस थोड़ी-सी कोशिश की जरूरत है। इसके लिए स्वस्थ मनोरंजन, खास लोगों के साथ समय बिताना, पसंदीदा गाना सुनना या प्रकृति के बीच टहलना बस इतना काफी है।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय बताता है कि खुशी अपने आप में एक बेहतरीन दवा है, जो इंसान जितना ज्यादा खुश रहता है, उसका तनाव उतना ही कम होता है और इम्यूनिटी उतनी ही मजबूत होती है। यहां तक कि खुशी आपकी उम्र भी बढ़ा सकती है।
मंत्रालय के अनुसार, जब आप खुश होते हैं तो शरीर में अच्छे हॉर्मोन्स (जैसे सेरोटोनिन और डोपामाइन) बढ़ते हैं, जिससे स्ट्रेस हॉर्मोन कोर्टिसोल अपने आप कम हो जाता है। नतीजा बीमारियां दूर रहती हैं और इससे हर मौसम में फिट रहते हैं।
खुद को छोटी-छोटी बातों से खुश रखकर कमाल के फायदे पाए जा सकते हैं। इससे तनाव छू-मंतर होता है। रोज हंसने-मुस्कुराने से दिमाग शांत रहता है, चिंता और डिप्रेशन दूर भागते हैं। खुश लोगों का ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहता है, हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। खुश रहने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, सर्दी-खांसी और इन्फेक्शन आसानी से नहीं होते।
--आईएएनएस
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