अदम गोंडवी : 'जन जन के कवि', जिनकी 'गुर्राहट' ने शोषित वर्ग की खामोशी को दी आवाज
नई दिल्ली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक भारतीय कवि जिनके कपड़े अक्सर बहुत साफ नहीं होते थे। धोती-कुर्ते के अलावा गले में सफेद गमछा डालकर वह श्रोताओं के सामने हाजिर होते थे। बात कहने का अंदाज भी ठेठ था, लेकिन वह बात लोगों के दिल तक पहुंचती थी। ऐसा नहीं कि लोगों को लुभाने के लिए उन्होंने कोई खास शैली विकसित की थी। सरल, सहज, बिल्कुल आम आदमी की तरह मुखातिब होने वाली यह शख्सियत थी अदम गोंडवी, जिनका जन्म 22 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था।