‘वैष्णव की फिसलन’, परसाई की कृति जो आज भी समाज को आईना दिखाती है

IANS | August 21, 2025 10:46 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। आज के दौर में लोग अपने अंदर की कमी को दूर करने से ज्यादा दूसरों में कमी ढूंढने की तलाश में रहते हैं। लोगों को सोच ऐसी हो गई है कि उन्हें लगता है कि वह जो कहते हैं, बोलते हैं वह एकदम सही है और दूसरा व्यक्ति जो कह रहा है वह गलत है उसमें सुधार की जरूरत है। हिंदी साहित्य के एक प्रसिद्ध व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई का व्यंग्य ‘वैष्णव की फिसलन’ उन लोगों पर सटीक बैठती है तो अपनी कमियों को छिपाने के लिए नैतिकता का मुखौटा पहन लेते हैं।

कुर्रतुलऐन हैदर : जिनकी रचना 'आग का दरिया' ने उर्दू साहित्य को दी नई पहचान

IANS | August 20, 2025 8:03 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी भाषा जहां भारतीय संस्कृति और समाज को एक सूत्र में बांधती है, तो वहीं उर्दू भाषा अपनी शायरी, नफासत और जज्बातों के साथ दिलों को जोड़ने का काम करती है। हिंदी के बाद उर्दू एक ऐसी भाषा है, जिसने देश को अनगिनत रत्न देने का काम किया है। इन्हीं रत्नों में से एक उर्दू साहित्य की अमर लेखिका कुर्रतुलऐन हैदर थीं, जिन्होंने उर्दू भाषा की इस अनूठी शक्ति को अपनी रचनाओं में न केवल जीवंत किया, बल्कि उसे विश्व साहित्य के पटल पर एक नई पहचान देने का काम किया।

स्मृति शेष : राम शरण शर्मा की 'प्राचीन भारत', कलम की ताकत पन्नों में कैद

IANS | August 19, 2025 9:03 PM

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। इतिहासकार और शिक्षाविद् राम शरण शर्मा की याद में दो दशक से अधिक समय बीत जाने पर भी एक घटना उनकी उदार सोच और जिज्ञासु स्वभाव की मिसाल मानी जाती है। यह घटना उनके जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है, जब उनकी कलम की ताकत को पन्नों में ही कैद कर दिया गया।

स्मृति शेष: भारतीय कॉमिक्स के जनक 'प्राण,' जिनके गढ़े किरदार 'चाचा चौधरी' और 'साबू' बेमिसाल

IANS | August 5, 2025 5:50 PM

नई दिल्ली, 5 अगस्त (आईएएनएस)। भारतीय कॉमिक्स को भारतीय रंग, भावनाएं और जमीनी किरदार देने का श्रेय अगर किसी को जाता है तो वह नाम प्राण कुमार शर्मा का है। उन्हें हम सभी प्यार से 'प्राण' के नाम से जानते हैं। 6 अगस्त 2014 को उनका निधन हुआ था, लेकिन उनके गढ़े किरदार आज भी लाखों दिलों में जिंदा हैं।

‘लिखे जो खत तुझे’ से ‘ए भाई जरा देखके चलो...’ की रचना करने वाले ‘नीरज’ खुद को मानते थे ‘बदकिस्मत कवि’

IANS | July 18, 2025 4:01 PM

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। 'लिखे जो खत तुझे, वो तेरी याद में, हजारों रंग के नजारे बन गए...' जैसे गीत गढ़ने वाले गोपालदास ‘नीरज’ खुद को बदकिस्मत मानते थे। ये सुन उनके प्रशंसक काफी हैरान होते हैं। आखिर सहज और सुंदर शब्दों में पिरोए गीत जो कइयों को प्रेरित करते हैं, उसे लिखने वाला शख्स भला कैसे खुद को बदकिस्मती का टैग दे सकता है!

'युवा हिंदी कहानी प्रतियोगिता' के पुरस्कार घोषित

IANS | July 15, 2025 9:50 PM

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। 'युवा हिंदी कहानी प्रतियोगिता' के पुरस्कारों की घोषणा के लिए राष्ट्रीय राजधानी स्थित 'साहित्य अमृत' कार्यालय में निर्णायक मंडल की बैठक संपन्न हुई।

लेटर्स फ्रॉम होम : घर से दूर 'घर की तलाश', कलाकृतियों में उभरा जरीना का दर्द...

IANS | July 15, 2025 6:35 PM

नई दिल्ली, 15 जुलाई (आईएएनएस)। कला जब शब्दों से मिलती है तो उसमें भावनाओं की परतें जुड़ जाती हैं। कुछ कलाकारों की कला देखने में जितनी सरल लगती है, उसमें छुपे अर्थ उतने ही गहरे होते हैं। जरीना हाशमी एक ऐसी ही कलाकार थीं। उनकी कला दिखने में भले ही सीधी-सादी लगती थी, लेकिन उसमें बहुत गहरे अर्थ छिपे होते थे।

शब्दों से संवेदना गढ़ने वाली कवयित्री, हिंदी-अंग्रेजी साहित्य की सेतु निर्माता

IANS | July 12, 2025 3:44 PM

नई दिल्ली, 12 जुलाई (आईएएनएस)। जब शब्द संवाद से कहीं बढ़कर संवेदना बन जाए, जब भाषा किसी एक सीमित परिधि की मोहताज न रहकर वैश्विक हो जाए और जब एक स्त्री अपनी लेखनी से दो संस्कृतियों के बीच पुल बना दे, तब वह नाम लिया जाता है सुनीता जैन का।

आधुनिक हिंदी साहित्य के स्तंभ ‘भीष्म साहनी’, ‘तमस’ में दिखा भारत-पाकिस्तान बंटवारे का दर्द

IANS | July 10, 2025 11:23 AM

नई दिल्ली, 10 जुलाई (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य के प्रमुख स्तंभों की बात होती है तो भीष्म साहनी का जिक्र होना लाजिमी है। वे आधुनिक हिंदी साहित्य के एक प्रमुख स्तंभ थे, जिनकी रचनाएं सामाजिक, मानवीय मूल्यों और भारत-पाकिस्तान विभाजन की त्रासदी को गहराई से बयां करती हैं। साहनी की लेखनी में मार्क्सवादी चिंतन और मानवतावादी दृष्टिकोण का संगम दिखाई देता है, जो उनकी कहानियों और उपन्यासों को कालजयी बनाता है।

साहित्य, संस्कृति और संवेदना के प्रतीक थे 'कहानी के जादूगर' चन्द्रधर शर्मा गुलेरी

IANS | July 6, 2025 7:22 PM

नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। साहित्य जगत के ध्रुव तारा चन्द्रधर शर्मा गुलेरी हिंदी के उन चमकते सितारों में से एक हैं, जिन्होंने अपने अल्प जीवनकाल में ही अमिट छाप छोड़ी। आधुनिक हिंदी साहित्य के 'द्विवेदी युग' के इस महान साहित्यकार ने अपनी रचनाओं विशेषकर कहानी 'उसने कहा था' के माध्यम से कथा साहित्य को नई दिशा दी। उनकी रचनाएं आज भी पाठकों के दिलो-दिमाग पर गहरी छाप छोड़ती हैं।