हिंदी रंगमंच की शान है असगर वजाहत का नाटक ‘जिन लाहौर नइ वेख्या ओ जम्याइ नइ’

IANS | July 4, 2025 12:17 PM

नई दिल्ली, 4 जुलाई (आईएएनएस)। जब भी भारत-पाकिस्तान विभाजन के दर्द और उसकी साहित्यिक अभिव्यक्ति की बात होती है, तो असगर वजाहत का नाम खुद ही जेहन में उभरता है। उनका नाटक ‘जिन लाहौर नइ वेख्या ओ जम्याइ नइ’ हिंदी रंगमंच का एक ऐसा मील का पत्थर है, जो 1947 के विभाजन की त्रासदी को न केवल गहरी संवेदनशीलता के साथ उकेरता है, बल्कि मानवता और सांप्रदायिक सौहार्द का एक शक्तिशाली संदेश भी देता है।

भारतीय साहित्य के 'जनकवि' थे बाबा नागार्जुन, लेखनी के जरिए समाज को दिया नई चेतना का स्वर

IANS | June 29, 2025 5:26 PM

नई दिल्ली, 29 जून (आईएएनएस)। भारतीय साहित्य में बाबा नागार्जुन एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्होंने अपनी लेखनी से न केवल साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि तत्कालीन समाज का आईना भी पेश किया। उनका असली नाम वैद्यनाथ मिश्र था, हिंदी साहित्य में 'नागार्जुन' और मैथिली में 'यात्री' के नाम से वह विख्यात हुए।

जयंती विशेष: ‘काशी विद्यापीठ’ के संस्थापक शिवप्रसाद गुप्त का योगदान अनुपम, 'भारत माता मंदिर' में दिखती है अखंड भारत की झलक

IANS | June 27, 2025 3:37 PM

वाराणसी, 27 जून (आईएएनएस)। स्वतंत्रता सेनानी, परोपकारी और साहित्यकार के साथ ही शिक्षा की अलख जगाने वाले क्रांतिकारी शिवप्रसाद गुप्त की 28 जून को जयंती है। 1883 में जन्मे गुप्त ने भारत के स्वाधीनता संग्राम को न केवल आर्थिक और संगठनात्मक तौर पर खड़ा करने में मदद की, बल्कि अपनी दूरदर्शिता से देश की सांस्कृतिक और शैक्षिक विरासत को भी समृद्ध किया। वाराणसी में स्थापित ‘महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ’ और ‘भारत माता मंदिर’ के निर्माण में ऐतिहासिक योगदान देने के साथ राष्ट्रीय चेतना को जागृत करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नेशनल रीडिंग डे: लोगों में कम हो रही पढ़ने की आदत, हेमा मालिनी ने जताई चिंता

IANS | June 19, 2025 12:43 PM

मुंबई, 19 जून (आईएएनएस)। हर साल 19 जून को 'नेशनल रीडिंग डे' (राष्ट्रीय पठन दिवस) मनाया जाता है, जो केरल के प्रसिद्ध शिक्षक पी.एन. पणिक्कर को समर्पित है। इस खास दिन के अवसर पर अभिनेत्री और सांसद हेमा मालिनी ने इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह एक किताब पढ़ते हुए नजर आ रही हैं। उन्होंने अपनी इस तस्वीर के जरिए लोगों को संदेश दिया कि पढ़ने की आदत उम्र या पेशे से परे होती है। साथ ही पणिक्कर की विरासत को सम्मान दिया।

प्राचीन प्रथाएं, वैज्ञानिक शक्ति : एक संत की बेस्टसेलर (लीड-1)

IANS | May 27, 2025 9:37 PM

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। प्राचीन भारतीय कलाओं और विज्ञानों पर आधारित आंतरिक सद्भाव और मन की शांति के लिए गहराई से तैयार की गई किताब पाठकों की पसंद के रूप में तेजी से उभर रही है।

प्राचीन प्रथाएं, वैज्ञानिक शक्ति : एक संत की बेस्टसेलर

IANS | May 27, 2025 1:20 PM

नई दिल्ली, 27 मई (आईएएनएस)। प्राचीन भारतीय कलाओं और विज्ञानों पर आधारित आंतरिक सद्भाव और मन की शांति के लिए गहराई से तैयार की गई किताब पाठकों की पसंद के रूप में तेजी से उभर रही है।

सरस्वती सम्मान 2024 : महामहोपाध्याय साधु भद्रेशदास को कृति 'स्वामिनारायण सिद्धांत सुधा' के लिए प्रदान किया जाएगा

IANS | March 27, 2025 9:27 AM

नई दिल्ली, 27 मार्च (आईएएनएस)। केके बिरला फाउंडेशन द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित सरस्वती सम्मान, प्रख्यात संस्कृत विद्वान महामहोपाध्याय साधु भद्रेशदास को उनकी महत्वपूर्ण साहित्यिक कृति 'स्वामिनारायण सिद्धांत सुधा' के लिए प्रदान किया जाएगा। माननीय न्यायमूर्ति अर्जन कुमार सीकरी (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई सरस्वती सम्मान की 'चयन परिषद्' की बैठक में इसका निर्णय किया गया।

बिहार दिवस: 113 वर्षों का ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक धरोहर

IANS | March 22, 2025 9:57 AM

नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। बुद्ध की धरती बिहार आज 113 साल की हो गई है। आज ही के दिन 1912 में बंगाल प्रेसीडेन्सी से अलग होकर बिहार एक अस्तित्व में आया था। बिहार दिवस न केवल राज्य के ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह बिहार की सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक यात्रा का भी प्रतीक है।

'बोर्फोसगेट : ए जनर्लिस्ट परसुएट ऑफ ट्रुथ': बोफोर्स घोटाले की जांच, इसका प्रभाव और अनिर्णायक परिणाम (पुस्तक समीक्षा)

IANS | March 10, 2025 5:39 PM

नई दिल्ली, 10 मार्च (आईएएनएस)। बोफोर्स घोटाला भारत की राजनीति में कोहराम मचा देने वाला है। इस घोटाले ने दो लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों (एक की मरणोपरांत) की छवि को धूमिल किया। वैश्विक हथियार व्यापार की बेईमान दुनिया और राजनीति के साथ इसके गठजोड़ पर प्रकाश डाला, और बैंकिंग के स्वर्ग कहे जाने वाले स्विट्जरलैंड को अपने अभेद्य कानूनों को बदलने के लिए मजबूर किया, ताकि विदेशी सरकारों को बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामलों का पता लगाने में मदद मिल सके।

द अदर साइड ऑफ डिप्लोमेसी : भारतीय राजनयिकों के जीवनसाथियों का रंगीन लेकिन चुनौतीपूर्ण जीवन (पुस्तक समीक्षा)

IANS | March 6, 2025 4:00 PM

नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)। यहां तक कि अपने बीच भी वे यह महसूस करते हैं कि वे सिर्फ गुलाब जामुन और किसी आधिकारिक मौके पर सैकड़ों की संख्या में समोसे बनाने के लिए ही जाने जाते हैं। लेकिन भारत के 'अनौपचारिक राजनयिक' अक्सर अपनी असली काबिलियत दिखाते हैं। जैसे 1965 के युद्ध के दौरान एक राजनयिक की गर्भवती पत्नी, जो अपने छोटे बेटे के साथ ढाका में नजरबंद थीं, पहले तो उसने गुप्त दस्तावेज जला दिए और फिर अपने पाकिस्तानी बंदीकर्ताओं को सख्ती से समझाकर कहा कि वह उनके उचित व्यवहार करें।