ज्ञान की तलाश और कला का अभ्यास एक-दूसरे से अलग नहीं : प्रीति अदाणी

IANS | November 25, 2024 10:02 PM

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। अदाणी फाउंडेशन की अध्यक्ष प्रीति अदाणी ने सोमवार को परफॉर्मिंग आर्ट को देश में समावेशन के लिए सबसे बेहतर माध्यम बताते हुए कहा कि कला और संस्कृति के बारे में जितना कहा जाए कम है। उन्होंने कहा कि यास्मीन सिंह इस बात का एहसास दिलाती हैं कि ज्ञान की तलाश और कला का अभ्यास एक-दूसरे से अलग नहीं है, ये एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं।

रायगढ़ घराने की कथक परंपरा पर यास्मीन सिंह की पुस्तकों का विमोचन

IANS | November 25, 2024 9:52 PM

नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। विस्मृति के गर्त में जा रही कथक की रायगढ़ घराना परंपरा को दोबारा पहचान दिलाने के उद्देश्य से नृत्यांगना यास्मीन सिंह की लिखी दो पुस्तकों का केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोमवार को विमोचन किया।

मुंबई नाइट्स : संजीव पालीवाल का यह उपन्यास जागती-इतराती मायानगरी के स्याह काले रंग और व्यवस्था की साजिश की पोल खोल  

गंगेश ठाकुर | October 26, 2024 6:22 PM

नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उपन्यास एक ऐसा शब्द जाल जिसके ताने-बाने को ऐसे बुना जाता है कि यह पाठक को अपने से स्वतः जोड़ ले। जिसके पन्नों पर छपे शब्द पाठक के मन के अंदर चित्रों का माध्यम तैयार करे। पाठक तब तक उसके जादू से अपने आप को वापस नहीं निकाल पाते हैं, जब तक आप उपन्यास के पन्नों के अंतिम पायदान तक ना पहुंच जाएं।  'नैना', 'पिशाच' और 'ये इश्क नहीं आसां' जैसे चर्चित उपन्यासों के बाद अब एक और उपन्यास लेकर पाठकों के बीच आए हैं लेखक-पत्रकार संजीव पालीवाल। अपने तीन पूर्व उपन्यासों के जरिए पहले से ही पाठकों के दिलों में जगह बना चुके क्राइम थ्रिलर के युवराज संजीव पालीवाल का यह उपन्यास मायानगरी की वह हकीकत बयां करती है जिससे कम ही लोग वाकिफ हैं।

'उपन्यास सम्राट', जिनकी 'सोजे वतन' से डर गए थे हुक्मरान, लिखने पर लगाई पाबंदी तो नवाबराय बन गए मुंशी प्रेमचंद

IANS | October 7, 2024 3:30 PM

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। मुंशी प्रेमचंद को शरतचंद्र चट्टोपाध्याय ने 'उपन्यास सम्राट' का नाम दिया। सहज हिंदी में बोझिल बातों को आसानी से कहकर आंखों से पानी की धार बहा देने का हुनर था प्रेमचंद में। जिन्होंने जो कागजों में लिखा उसे जीवन में भी उतारा। गोदान, रंगभूमि, निर्मला, गबन जैसी अनगिनत कृति रचने वाले प्रेमचंद की 8 अक्टूबर को पुण्यतिथि है।

पिता की ही तरह फंतासी दुनिया रचने में माहिर थे दुर्गा प्रसाद खत्री, बाबू देवकीनंदन की विरासत को खूबसूरती से सहेजा

IANS | October 4, 2024 11:23 AM

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (आईएएनएस)। 'बापे पूत परापत घोड़ा बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा'...रोहतास मठ जैसा उपन्यास रचने वाले दुर्गा प्रसाद खत्री ने इस कहावत को चरितार्थ भी किया। जिस शख्स के पिता फंतासी दुनिया की सैर कराती चंद्राकांता जैसी कृति गढ़ने वाले हों भला वो कैसे पीछे रहते। उन्होंने भी कहानियां रची, उपन्यास लिख डाले जिनमें ऐयारी, तिलिस्म, साइंस फिक्शन, देशभक्ति के कण थे। 5 अक्टूबर को इनकी पुण्यतिथि है।

साहित्य की दादी : बिना स्कूल गए लिखी 500 से ज्यादा कविताएं, प्रतिभा को गूगल ने भी किया सलाम

IANS | September 28, 2024 5:25 PM

नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। एक महिला बिना स्कूली शिक्षा के उत्कृष्ट साहित्यकार बन जाती हैं। उनकी प्रतिभा देश-विदेश के दायरे से इतर हर तरफ फैल जाती है। यहां तक कि दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट सर्च इंजन गूगल उनके लिए डूडल समर्पित करता है। आप हैरान नहीं हों, ये कारनामा करने वाली या यूं कहें, ऐसी शख्सियत सिर्फ बालमणि अम्मा ही हो सकती हैं।

भारतीय समाज में स्त्री विमर्श की आधार, जिनकी आत्मकथा ने 'सोच' पर उठाए सवाल

IANS | September 19, 2024 8:30 AM

नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय समाज में स्त्रियों को लेकर कई विरोधाभास हैं। एक पुरुष लेखक के दृष्टिकोण से स्त्रियों का स्वरूप सच्चाई से कुछ-कुछ अलग है। लेकिन, स्त्रियों को एक स्त्री ही समग्रता से समझ सकती है। यही काम प्रभा खेतान ने किया। उन्होंने स्त्रियों के हर उस रूप को खुद के अनुसार समझा, जिसे पढ़कर आप भी स्त्री के जीवन और रोजाना की चुनौतियों से दो-चार हो जाएंगे।

स्मृति शेष : 'दानवीर कर्ण' से मिली ख्याति, साहित्य की दुनिया के बने 'मृत्युंजय'

IANS | September 17, 2024 2:57 PM

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। मराठी भाषा के प्रसिद्ध साहित्यकार शिवाजी सावंत ने कई रचनाओं के जरिए अपनी खास पहचान बनाई। 18 सितंबर 2002 को आखिरी सांस लेने वाले शिवाजी सावंत ने अपनी लेखनी से पात्रों को ऐसा रचा कि सभी हमेशा के लिए अमर हो गए, पात्र भी और शिवाजी सावंत भी। उनका जन्म 31 अगस्त 1940 को हुआ था और पूरा नाम शिवाजी गोविंद राज सावंत था।

'नास्तिक' पेरियार जिन्होंने भेदभाव का किया विरोध, यूनेस्को ने कहा 'दक्षिण एशिया का सुकरात'

IANS | September 16, 2024 8:26 PM

नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। द्रविड़ आंदोलन के जनक ई.वी. रामासामी 'पेरियार' धारा के विपरीत बहने में माहिर थे। समाज के सेट नियमों को ठेंगा दिखा, प्रचलित धारणाओं को धता-बता आगे बढ़ने में यकीन रखते थे। तार्किक आधार पर हिंदू धर्म की खामियां बताने में गुरेज नहीं किया। फटकारे गए, विरोध हुआ फिर भी जो चाहा उसे कहने से कभी हिचके नहीं। इसी पेरियार ने भविष्य की दुनिया को लेकर सपना संजोया। क्या थी वो संकल्पना? कैसा चाहते थे वह आदर्श समाज?

शरतचंद्र चट्टोपाध्याय : पारो, चंद्रमुखी और पाठकों के 'देवदास', हर शब्द से जीत लिया दिल

IANS | September 14, 2024 5:00 PM

नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। मशहूर फिल्म 'देवदास' का नाम किसने नहीं सुना होगा। फिल्म के तीन पात्र देवदास, पारो और चंद्रमुखी आज भी लोगों के दिलों में अमर हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की कहानी को किसी नॉवेल से लिया गया था। इस नॉवेल को लिखने वाले का नाम है शरत चंद्र चट्टोपाध्याय। वो बांग्ला भाषा के सुप्रसिद्ध उपन्यासकार थे।