‘मोदीज मिशन’ : वडनगर से प्रधानमंत्री कार्यालय तक के सफर पर किताब होगी लॉन्च

IANS | October 23, 2025 4:27 PM

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असाधारण जिंदगी और राजनीतिक सफर पर लिखी गई बायोग्राफी की लिस्ट में 'मोदीज मिशन' नाम की एक नई किताब भी शामिल होने वाली है। इस किताब को शुक्रवार को मुंबई में लॉन्च किया जाएगा।

विशेष: पद्मश्री प्रो. दिगंबर हांसदा, संविधान का 'ओलचिकी' में किया अनुवाद, 'संथाल' की रहे सशक्त आवाज

IANS | October 15, 2025 4:20 PM

रांची, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)। संथाली साहित्य के विमर्श में आत्मसम्मान और सांस्कृतिक चेतना केंद्र बिंदु में रहे हैं। झारखंड के संथाल परगना में देवघर, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज और दुमका जैसे जिले शामिल हैं, और यहां की शख्सियतों में डॉ. दिगंबर हांसदा किसी 'पूज्य' व्यक्तित्व से कम नहीं हैं।

पीएम मोदी ने लिखा मेलोनी की आत्मकथा का प्राक्कथन, इटली की पीएम बोलीं- सम्मानित महसूस कर रही हूं

IANS | September 29, 2025 7:01 PM

रोम, 29 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा ‘आई एम जॉर्जिया’ के भारतीय संस्करण का प्राक्कथन लिखा है। पीएम मोदी ने उन्हें एक "असाधारण राजनीतिक नेता बताया, जो विचारों को जोड़ती हैं" और उनकी आत्मकथा को "मन की बात", यानी मन से निकले विचारों की संज्ञा दी।

स्त्री-मन की सशक्त आवाज प्रभा खेतान, हिंदी साहित्य को दिया नया नजरिया

IANS | September 19, 2025 3:05 PM

नई दिल्ली, 19 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य की धरती ऐसी कई सशक्त रचनाकारों से समृद्ध है, जिन्होंने अपनी कलम से स्त्री-मन की गहराइयों को न केवल अच्छे से पेश किया है बल्कि नारी के अंदर की उलझनों को बहुत खूबसूरती से उकेरने का काम किया है। इनमें डॉ. प्रभा खेतान एक खास नाम हैं, जो कविता से भावनाओं की दुनिया बनाती हैं। साथ ही आलोचना, निबंध और साहित्यिक नारीवादी विचारों से हिंदी साहित्य को नई दिशा देती हैं।

साहित्य के 'नारायण' : 'अंतिम ऊंचाई' से 'अबकी बार लौटने' का वादा करने वाले कुंवर

IANS | September 18, 2025 4:04 PM

नई दिल्ली, 18 सितंबर (आईएएनएस)। जिंदगी की जद्दोजहद से जूझ रहे आज के युवाओं को साहित्य भी रास्ता दिखा सकता है। कुंवर नारायण की 'अंतिम ऊंचाई' और 'अबकी बार लौटा' कविताएं सिर्फ चंद शब्द नहीं हैं, यह हमारी जिंदगी के सपनों को पाने की अंधाधुंध दौड़ में ठहरकर हमें जो हासिल है, उसके जश्न को मनाने की भी सीख देती हैं।

लखनऊ पुस्तक मेले में आकर्षण का केंद्र बनी 'पॉकेट गीता' और 'पीएम मोदी कटआउट बुक'

IANS | September 12, 2025 4:44 PM

लखनऊ, 12 सितंबर (आईएएनएस)। लखनऊ के हज़रतगंज स्थित बलरामपुर गार्डन में चल रहे राष्ट्रीय पुस्तक मेले में इस साल गुजरात के अहमदाबाद से आए प्रकाशक अपूर्व शाह की दो अनोखी किताबें लोगों का ध्यान खींच रही हैं। इनमें एक है दुनिया की सबसे छोटी 'श्रीमद्भगवद् गीता' और दूसरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जीवन पर आधारित एक खास 'कटआउट बुक' है।

बर्थडे स्पेशल: 'काकाबाबू' के जासूसी किरदार से भरा रोमांच, पहला उपन्यास लिखकर डर गए थे सुनील गंगोपाध्याय

IANS | September 6, 2025 3:02 PM

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। बंगाली साहित्य के सबसे प्रसिद्ध और बहुआयामी लेखकों में से एक, सुनील गंगोपाध्याय ने बंगाली साहित्य की दुनिया में बतौर कवि प्रवेश किया था। 1953 में उन्होंने कृत्तिबास नाम की पत्रिका की शुरुआत की, जो बाद में युवा कवियों के लिए एक मंच बन गई। इसके बाद 1965 में उन्होंने पहला उपन्यास 'आत्मप्रकाश' लिखा, लेकिन कवि से उपन्यासकार बनने का अनुभव उनके लिए डरावना था।

दुष्यंत कुमार: सामाजिक चेतना की बुलंद आवाज, जिनकी कविताएं करती थीं सत्ता से सवाल

IANS | August 31, 2025 6:20 PM

नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। 'हो गई है पीर पर्वत-सी पिघलनी चाहिए, इस हिमालय से कोई गंगा निकलनी चाहिए। सिर्फ हंगामा खड़ा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि ये सूरत बदलनी चाहिए। मेरे सीने में नहीं तो तेरे सीने में सही, हो कहीं भी आग, लेकिन आग जलनी चाहिए।' इस कविता को पढ़ते ही मन में आम आदमी की गहरी पीड़ा, अंतहीन संघर्ष और उबलते आक्रोश की तस्वीर सामने आती है। दुष्यंत कुमार ने इन पंक्तियों में न केवल भावनाओं को उकेरा, बल्कि समाज में बदलाव की तीव्र चाह को भी आवाज दी।

जयंती विशेष: शिवाजी सांवत कैसे बने 'मृत्युंजयकार', क्यों कहा- 'ये पात्र मेरे मन मस्तिष्क का हिस्सा बन गया'

IANS | August 30, 2025 12:20 PM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। 2025 में एक फिल्म रिलीज हुई नाम था 'छावा'। 'जेन अल्फा' इसका फैन हो गया। फिल्म की स्टार कास्ट तो शानदार थी ही लेकिन इसकी कहानी धांसू थी। मूल प्रेरणा इसी नाम से लिखा गया उपन्यास 'छावा' था। जिसे रचा था शिवाजी सावंत ने। अंग्रेजी में एक शब्द है 'मास हिस्टिरिया', यानी लोगों को अपने कलम के जादू से दिवाना बना देना। इस कथाकार ने जो भी गढ़ा वो कुछ ऐसा ही था। मराठी में लिखा उपन्यास 'मृत्युंजय' इनकी बड़ी पहचान है। उपन्यास की समीक्षा बहुत होती है लेकिन शिवाजी सावंत के 'मृत्युंजय' का प्रिव्यू बहुत जरूरी है। जिससे एहसास हो कि रचना यूं ही नहीं गढ़ी जाती बल्कि इसके पीछे अथक प्रयास, सुलझे विचार और इतिहास की परख जरूरी होती है। कर्ण की पीड़ा को सधे शब्द मिलते हैं तो वो पाठकों की आत्मा को छू जाती है।

यादों में 'फिराक' : 'हर बार छुपा कोई, हर बार नज़र आया' जीने वाले शायर

IANS | August 27, 2025 6:21 PM

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। 'बहुत पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं, तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं', ये अल्फाज हैं, उर्दू के महानतम शायरों में से एक फिराक गोरखपुरी के, जिनका असली नाम रघुपति सहाय था। उन्होंने अपनी गजलों, नज्मों और रुबाइयों से उर्दू शायरी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने अपनी लेखनी से इश्क, जीवन और भावनाओं को इतनी खूबसूरती के साथ पिरोया कि वह अपने दौर के मशहूर शायरों में शुमार हो गए।