'नौकर की कमीज' के रचनाकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन, सीएम विष्णु देव साय ने जताया शोक

IANS | December 23, 2025 6:56 PM

रायपुर, 23 दिसंबर (आईएएनएस)। 'जो मेरे घर कभी नहीं आएंगे, मैं उनसे मिलने उनके पास चला जाऊंगा', कविता लिखने वाले कवि और हिंदी साहित्य के वरिष्ठ और प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का निधन हो गया है। उन्होंने रायपुर स्थित एम्स में अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे और उनका इलाज एम्स रायपुर में जारी था।

जयंती विशेष : 'हम घिरे हैं गिरे नहीं' बताने वाले समकालीन शब्दकार

IANS | December 21, 2025 11:34 PM

नई दिल्ली, 21 दिसंबर (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य के समकालीन कवियों में पंकज सिंह का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। उनकी कविताएं संघर्ष, विद्रोह और मानवीय संवेदनाओं से भरी हुई हैं। 'हम घिरे हैं गिरे नहीं' जैसी पंक्तियां उनके साहसी और बेबाक स्वभाव को दर्शाती हैं।

'चार्ल्स डिकेन्स' की एक किताब जिसने क्रिसमस को इंसानियत का त्योहार बना डाला

IANS | December 18, 2025 8:23 PM

नई दिल्ली, 18 दिसंबर (आईएएनएस)। शांति, प्यार और खुशियों का त्योहार क्रिसमस करीब है। ईसा मसीह को समर्पित इस दिन पर विशेष इंतजाम किए जाते हैं। वर्षों पहले इसमें खुशियों को एड करने की एक कोशिश चार्ल्स डिकेन्स ने की। एक ऐसी कहानी रची जिसने लोगों की सोच बदली और उस सोच ने इस पर्व को मनाने के तरीके को काफी हद तक बदल डाला।

यादों में अदम : 'समय से मुठभेड़' करने वाला शायर, जिसने फाइलों में 'गांव का मौसम गुलाबी' देखा

IANS | December 17, 2025 6:57 PM

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस)। 'काजू भुने पलेट में, व्हिस्की गिलास में, उतरा है रामराज विधायक निवास में।' जब यह शेर पहली बार हिंदी गजल की महफिलों से निकलकर आम आदमी की जबान पर चढ़ा होगा, तब किसी को अंदाजा नहीं रहा होगा कि इस तीखे व्यंग्य के पीछे का चेहरा कितना विनम्र और जमीन से जुड़ा है। यह आवाज न किसी बुर्जुआ स्टूडियो से निकली थी, न किसी अकादमिक गलियारे से। यह गर्जना थी, उस 'धरतीपुत्र कवि' की, जिसने अपनी कलम को हाकिमों की तकरार के लिए उठाया और अपनी खेती को कभी नहीं छोड़ा। वे अदम गोंडवी थे।

जेन ऑस्टिन: रोमांस की रानी, जिनकी 19वीं सदी में लिखी कहानियां आज भी दिल को छू जाती हैं

IANS | December 15, 2025 8:29 PM

नई दिल्ली, 15 दिसंबर (आईएएनएस)। 'हर्टफोर्डशायर की उस नृत्य सभा में, जब मिस्टर डार्सी अपने संकोची और अभिमानी स्वभाव के साथ प्रवेश करते हैं और एलिजाबेथ बेनेट उन्हें पहली नजर में नापसंद कर लेती हैं...' वहीं से प्राइड एंड प्रेजुडिस की कहानी आगे बढ़ती है। यह सिर्फ प्रेम कथा की शुरुआत नहीं होती, बल्कि समाज, वर्ग और आत्मसम्मान पर जेन ऑस्टिन की सूक्ष्म टिप्पणी भी सामने आती है। इसी सादे लेकिन अर्थपूर्ण दृश्य में जेन ऑस्टिन की लेखनी की पूरी ताकत दिखाई देती है।

स्मृति शेष 'मंगलेश' : 'पहाड़ पर लालटेन' जलाकर 'नए युग में शत्रु' तलाशता शब्दशिल्पी

IANS | December 8, 2025 2:26 PM

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (आईएएनएस)। एक कवि, जो हमेशा घर वापस लौटने का रास्ता याद रखना चाहता था, वह साल 2020 से ही भौतिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन उनकी कविता की पंक्तियां जीवित हैं। उन्होंने एक बार लिखा था, "मैं चाहता हूं कि स्पर्श बचा रहे... मैं कभी नहीं भूलना चाहता, वापस घर जाने का रास्ता।" मंगलेश डबराल की यह आवाज, आज भी, हर पाठक के भीतर एक उम्मीद की तरह जलती लौ है।

मशीनों से खेलता एक जादूगर: नाम रूब गोल्डबर्ग, बच्चे से बड़ों तक सबके लिए क्यों है इतने खास

IANS | December 7, 2025 9:03 PM

नई दिल्ली, 7 दिसंबर (आईएएनएस)। हम लोगों में से अधिकांश ने ऐसे मजेदार वीडियो जरूर देखें होंगे जिसमें छोटा सा काम करने के लिए बेवजह की जटिल मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है। जैसे एक गेंद लुढ़कती है, फिर डोमिनोज गिरते हैं, फिर कोई लीवर घूमता है और अंत में एक साधारण-सा बल्ब जल उठता है! अगर ऐसा आपने देखा है तो समझ लीजिए उनकी असली प्रेरणा से रूबरू हो चुके हैं और वो हैं रूब गोल्डबर्ग।

शंकराचार्य के अधूरे काम पूरे करने के लिए उनकी आत्मा ने पटेल को चुना : आरिफ मोहम्मद खान

IANS | December 6, 2025 11:16 PM

नई दिल्ली, 6 दिसंबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित एक पुस्तक लोकार्पण एवं चर्चा के कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष राम माधव शामिल हुए। इस दौरान 'भारत : दैट इज इंडिया - रिक्लेमिंग अवर रियल आइडेंटिटी' किताब का विमोचन भी किया गया।

शब्दों के शिल्पी : स्याही से उकेरी क्रांति की गाथा, हर शब्द में आंदोलन को समेटा

IANS | December 2, 2025 10:14 PM

नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। पंजाब के एक छोटे से कस्बे फिरोजपुर छावनी में जन्मे यशपाल शर्मा एक ऐसे इंसान थे, जिनकी जिंदगी में आग और कलम दोनों का सामंजस्य था। उनके पिता हीरालाल साधारण कारोबारी थे, पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा रूचि नहीं रखते थे, लेकिन उनकी मां ने यशपाल के भीतर विद्या और विचार की ज्वाला जलाने की ठान ली थी। वे चाहती थीं कि उनका बेटा स्वामी दयानंद के आदर्शों की तरह तेजस्वी बने, समाज और देश के लिए कुछ करे।

'मधुशाला' के बच्चन: किराए का घर और 'उस पार जाने' को व्याकुल नर, जो कुछ कर न सका...

IANS | November 26, 2025 5:04 PM

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। हिंदी कविता में हरिवंश राय 'बच्चन' के एटीट्यूड और फिलॉसफी का हर कोई कायल है। उन्होंने कविता से संवेदनाओं के साथ ही जिंदगी की सच्चाई से दुनिया को रूबरू कराया। उनका परिचय इतना ही है, ''मिट्टी का तन, मस्ती का मन, क्षणभर जीवन मेरा परिचय।''