संसद पर आतंकी हमले की बरसी: 13 दिसंबर, जब लोकतंत्र के मंदिर को दहलाने की कोशिश हुई
नई दिल्ली, 12 दिसंबर (आईएएनएस)। साल था 2001... तारीख थी 13 दिसंबर... राष्ट्रीय राजधानी में कड़ाके की ठंड थी और संसद में शीतकालीन सत्र जारी था। सदन के भीतर 'महिला आरक्षण बिल' को लेकर हंगामा हो रहा था। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और नेता प्रतिपक्ष सोनिया गांधी संसद भवन से निकल चुके थे। इस दौरान, किसी ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि चंद मिनटों में भारत के लोकतंत्र के केंद्र पर ऐसा आतंकी हमला होगा, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।