सावन विशेष: त्रिशूल, डमरू और नाग, जानें शिव के इन तीनों प्रतीकों की रहस्यमयी कथा
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। सावन के महीने में चारों ओर भगवान शिव के नाम की गूंज सुनाई देती है। भक्त उन्हें भोलेनाथ भी कहते हैं, क्योंकि वे अपने भक्तों पर बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। उनके दर पर जाकर कोई खाली नहीं लौटता, जो न राजा देखते हैं, न रंक, न बड़ा, न छोटा... बस देखते हैं तो सच्चा भाव। भगवान शिव का यही भोलापन उन्हें सबसे अलग बनाता है। वे जितने सरल हैं, उतने ही रहस्यमय भी। उनके गले में सांप है, सिर पर चंद्रमा, जटाओं में गंगा, एक हाथ में डमरू और दूसरे में त्रिशूल... हर किसी की अपनी एक कहानी है। उनके हर एक प्रतीक के पीछे कोई कथा है।