'फगुआ' की मस्ती और 'जोगीरा सारारा' में बसा है मिट्टी का प्यार
नई दिल्ली, 27 फरवरी (आईएएनएस)। फगुआ दस्तक दे चुका है। पूर्वांचल की मिट्टी झाल, मंजीरों और ढोलक की ताल पर गमकने लगी है। गांव खेड़ों में फाग के रंग में सराबोर खाटी देसी गवनियारों की आवाज रोमांच पैदा कर रही है। माघ महीने से फाग या फगुआ का रंग चढ़ता है जो चैत तक कायम रहता है।