हिंदी साहित्य के तिलिस्मी जादूगर दुर्गा प्रसाद खत्री, उपन्यास लेखन से हासिल किया खास मुकाम
नई दिल्ली, 11 जुलाई (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य में तिलिस्मी और जासूसी उपन्यासों की एक ऐसी धारा है, जिसने पाठकों को न केवल मनोरंजन प्रदान किया, बल्कि हिंदी भाषा को जन-जन तक पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस धारा के प्रमुख स्तंभों में से एक थे दुर्गा प्रसाद खत्री, जिन्होंने अपने पिता और हिंदी के प्रथम तिलिस्मी उपन्यासकार देवकीनंदन खत्री की विरासत को न केवल संभाला, बल्कि उसे और समृद्ध किया।