जन्मदिन विशेष : कैमरा, लाइट, साउंड एंड एक्शन, जग 'दस्तूरी' में मन 'कस्तूरी' खोजता अदाकार
नई दिल्ली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। बनारसी होना एक शब्द नहीं, संस्कार है। यही संस्कार कूट-कूट कर संजय मिश्रा में भरा है। साधारण कद-काठी और चेहरा, कैमरे के सामने असाधारण अदाकारी संजय मिश्रा को अपने दौर के कलाकारों से बेहद अलग बनाती है।