स्वामी अग्निवेश : राजनीति से सामाजिक कार्यकर्ता तक ऐसा रहा इस भगवाधारी का जीवन

IANS | September 11, 2024 1:32 PM

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। महात्मा गांधी, कार्ल मार्क्स और वैदिक धर्म की राह पर चलने वाले स्वामी अग्निवेश का जन्म आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में एक रूढ़िवादी ब्राह्मण परिवार में हुआ था। वह शुरू से ही कुछ अलग करने की चाहत रखते थे। बचपन में ही माता-पिता का साया सिर से उठने के बाद उनके नाना ने उनका पालन पोषण किया था।

अब्दुल हमीद : 1965 की जंग में पाकिस्तान के 'पैटन टैंक' को तबाह करने वाला परमवीर

IANS | September 10, 2024 9:20 AM

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध को लेकर कई फिल्म बनाई गई है। कुछ दिनों पहले 'परमवीर' नाम से एक फिल्म बनाने की घोषणा हुई थी। इसमें भारतीय सेना के जांबाज परमवीर चक्र विजेता अब्दुल हमीद की बहादुरी के बारे में दिखाया जाएगा।

कहानी फिल्मी है: भारत में प्लेन हाईजैक, पाकिस्तान में हुआ सुरक्षित मुक्त

IANS | September 10, 2024 9:14 AM

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। हवा में 30,000 फीट की ऊंचाई और प्लेन हाईजैक होने की जानकारी मिलना। किसी प्लेन से यात्रा करने वालों के लिए यह एक डरावने सपने के सच होने जैसा होता है। लेकिन, एक प्लेन दिल्ली से उड़ान भरता है और उसके हाईजैक होने की खबर मिलती है। भारतीय एजेंसियों के हाथ-पांव फूल जाते हैं।

रामवृक्ष बेनीपुरी : कलम के ऐसे जादूगर जिन्होंने अपनी लेखनी से बजाया क्रांति का बिगुल

IANS | September 9, 2024 4:08 PM

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। साहित्य यूं तो समाज का आईना है, लेकिन क्या आपको यह पता है कि साहित्य ने पूरी दुनिया में कई क्रांतियों को जन्म लेने और उसे मकसद तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक तरफ जहां हमारे स्वतंत्रता सेनानी अंग्रेजों के खिलाफ जंग लड़ रहे थे, दूसरी तरफ अखबार, साहित्य और अन्य पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से अंग्रेजी सरकार के खिलाफ क्रांति का एक ज्वार उठ रहा था।

'ऑपरेशन जिब्राल्टर' थी पाकिस्तान की 'भूल', 1965 जंग में मिली शिकस्त, एक चरवाहे से पड़ोसी मुल्क हुआ चित्त

IANS | September 6, 2024 3:02 PM

नई दिल्ली, 6 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के आगे पाकिस्तान की कभी नहीं चल पाई। कोशिश पूरी की पड़ोसी देश ने, लेकिन हर बार मात ही मिली। आजादी के बाद कबायलियों के जरिए खूब कोशिश की नाकाम रही, घुसपैठ से प्रवेश करना चाहा तो मुंह की खाई। जब देश का बेटा मोहम्मद दीन चीची जागीर जैसा हो तो भला दुश्मन कैसे अपनी चला सकता है!

चिकित्सक जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में उम्मीद का चिराग बुझने नहीं दिया , डॉ केके अग्रवाल और डेंटिस्ट अमृत तिवारी को याद करने का दिन आज

IANS | September 5, 2024 3:39 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। कोविड ने दुनिया को परेशान कर रखा था। लोग बदहवास थे। अफरातफरी का माहौल था, लोग घरों में महीनों कैद रहने को मजबूर हो गए। ऐसे विकट समय में ही डॉ केके अग्रवाल लाखों का हाथ थामा। उनकी उंगली पकड़ी और कहा 'शो मस्ट गो ऑन'।

पुण्यतिथि विशेष: मानव सेवा आसान नहीं और मदर टेरेसा ने इसी मार्ग को चुना

IANS | September 5, 2024 12:00 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। 'प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है' ऐसा मानती थीं लाखों करोड़ों जरूरतमंदों की मदर टेरेसा। जिन्होंने पूरी जिंदगी हाशिए पर जीवन बसर कर रहे लोगों के लिए गुजार दी। उनका यह विश्वास था कि सच्ची सेवा तभी संभव है जब हम पूरी लगन और समर्पण के साथ काम करें। 'सेवा का कार्य एक कठिन कार्य है,' वाले सिद्धांत पर यकीन रखती थीं और उनकी कार्यशैली में भी यही परिलक्षित होता रहा।

आजाद भारत का 'मानक समय' शुरू हुआ था आज

IANS | September 1, 2024 12:24 PM

नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। आजादी के 16 दिन बाद यानि 1 सितंबर 1947 को देश का समय एक हो गया। उत्तर से दक्षिण, पूर्व से पश्चिम हम समय के एक सूत्र में बंध गए। भारत को अपना मानक समय मिल गया। विविधता पूर्ण देश की भारतीय मानक समय की परिकल्पना भी अद्भुत थी। इसका क्रेडिट भी काफी हद तक भारत के लौह पुरुष यानि वल्लभ भाई पटेल को जाता है।

परिवार से ज्यादा फॉलोअर्स से कनेक्टेड होते हैं जेन ज़ेड

IANS | August 30, 2024 4:50 PM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। आज के युवाओं को अक्सर 'जेन ज़ेड' के नाम से जाना जाता है। यह पीढ़ी तकनीक के साथ पली-बढ़ी है और सोशल मीडिया उनके जीवन का अभिन्न अंग बन गया है। सोशल मीडिया, हालांकि संचार और जुड़ाव का एक शक्तिशाली माध्यम है। सोशल मीडिया ने दुनिया को करीब लाने का काम तो किया है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी सामने आ रहा है।

बंगाल का वो 'शेर' जिसने हंसते-हंसते चूमा फांसी का फंदा, अंतिम विदाई देने पहुंचे था पूरा शहर, अर्थी भी समर्थकों ने खरीदी

IANS | August 30, 2024 4:32 PM

नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)। 20 साल की ही तो उम्र थी लेकिन बिना कुछ सोचे समझे उसने प्रण किया और मां भारती को आजाद कराने के इरादे संग खुद को झोंक दिया। इस जांबाज का नाम था कानाईलाल दत्त। फांसी के बाद अंग्रेज वार्डेन तक ने कहा था “मैं पापी हूं जो कानाईलाल को फांसी चढ़ते देखता रहा। अगर उसके जैसे 100 क्रांतिकारी आपके पास हो जाएं तो आपको अपना लक्ष्य कर के भारत को आजाद करने में ज्यादा देर न लगे।”