मिर्जा गालिब: वल्लीमारां की गलियों के बीच जब जमीर की आवाज बना एक शायर
नई दिल्ली, 26 दिसंबर (आईएएनएस)। यह कहानी है उर्दू की अजीम तरीन शख्सियत मिर्जा असदउल्ला खां की, जिनका तखल्लुस गालिब था। गालिब को किसी ने मोहब्बत का शायर कहा तो किसी ने फिलॉस्फर का तमगा दे दिया। गालिब इनके आगे थे और किसी तमगे में बंधने की जगह उन्होंने अपने इकबाल और लेखनी के पैनेपन को धार देने में जिंदगी गुजार दी। उनकी हर गजल सफ दर सफ नए जज्बात के साथ खून में बेतरतीब रवानगी भी देती है।