2005 में दीपावली के दो दिन पहले दिल्लीवासियों ने देखा था सबसे खौफनाक मंजर, 60 से अधिक लोगों ने गंवाई थी जान
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। साल 2005, तारीख 29 अक्टूबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली का हर कोना, हर गली, हर बाजार रोशनी, उम्मीद और खरीददारी की गहमा-गहमी में डूबा हुआ था। पहाड़गंज के मुख्य बाजार से लेकर दक्षिणी दिल्ली के सरोजिनी नगर तक, हर जगह पैर रखने की भी जगह नहीं थी। लोग अपनी मेहनत की कमाई से घर को सजाने, अपनों को तोहफे देने और नए भविष्य की नींव रखने में मशगूल थे।