शब्दों के शिल्पी : स्याही से उकेरी क्रांति की गाथा, हर शब्द में आंदोलन को समेटा
नई दिल्ली, 2 दिसंबर (आईएएनएस)। पंजाब के एक छोटे से कस्बे फिरोजपुर छावनी में जन्मे यशपाल शर्मा एक ऐसे इंसान थे, जिनकी जिंदगी में आग और कलम दोनों का सामंजस्य था। उनके पिता हीरालाल साधारण कारोबारी थे, पढ़ाई-लिखाई में ज्यादा रूचि नहीं रखते थे, लेकिन उनकी मां ने यशपाल के भीतर विद्या और विचार की ज्वाला जलाने की ठान ली थी। वे चाहती थीं कि उनका बेटा स्वामी दयानंद के आदर्शों की तरह तेजस्वी बने, समाज और देश के लिए कुछ करे।