कांगो की लड़ाई में 40 विद्रोहियों को ढेर करने वाले कैप्टन सलारिया, जिनकी वीरता से मिलती है प्रेरणा
नई दिल्ली, 28 नवंबर (आईएएनएस)। 1960 की बात है, जब बेल्जियम से आजाद हुआ अफ्रीकी देश कांगो गृहयुद्ध की आग में धधक रहा था। उस समय जरूरत पड़ी संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की शांति सेना की। कांगो की धरती पर यूएन की शांति सेना का उतरने का मतलब था, भारत का भी शामिल होना और इसी कारण तीन हजार भारतीय सैनिकों को कांगो में शांति बहाली का टास्क मिल गया। इन्हीं भारतीय जवानों में से एक थे, कैप्टन गुरबचन सिंह सलारिया।