‘मैं गंगा का बेटा हूं, मैं ही लिखूंगा महाभारत’, स्क्रिप्ट लिखने से पहले राही मासूम रज़ा ने क्यों कहा था ऐसा
नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। ‘मैं समय हूं... और आज महाभारत की कथा सुनाने जा रहा हूं’। इन शब्दों को भला कौन भूल सकता है?, 90 के दशक में हिंदुस्तान का कोई ऐसा घर नहीं होगा, जिनके यहां रविवार को ये आवाज न सुनाई दी हो। इस पौराणिक धारावाहिक को लिखा था लेखक राही मासूम रज़ा ने। उनकी स्याही से लिखे एक-एक अल्फाज का करिश्मा ऐसा था कि ‘महाभारत’ लोगों के घरों तक पहुंची। इससे पहले सिर्फ लोगों ने इसके बारे में पढ़ा था।