पुण्यतिथि विशेष: मानव सेवा आसान नहीं और मदर टेरेसा ने इसी मार्ग को चुना
नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। 'प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है' ऐसा मानती थीं लाखों करोड़ों जरूरतमंदों की मदर टेरेसा। जिन्होंने पूरी जिंदगी हाशिए पर जीवन बसर कर रहे लोगों के लिए गुजार दी। उनका यह विश्वास था कि सच्ची सेवा तभी संभव है जब हम पूरी लगन और समर्पण के साथ काम करें। 'सेवा का कार्य एक कठिन कार्य है,' वाले सिद्धांत पर यकीन रखती थीं और उनकी कार्यशैली में भी यही परिलक्षित होता रहा।