गुप्तेश्वर महादेव मंदिर : रहस्यमयी गुफा में विराजमान भगवान शिव, आस्था और प्रकृति का अनूठा संगम

गुप्तेश्वर महादेव मंदिर: रहस्यमयी अंधेरी गुफा में विराजमान हैं भगवान शिव, दिखता है आस्था और प्रकृति का अनूठा संगम

नई दिल्ली, 26 नवंबर (आईएएनएस)। जहां भगवान शिव विराजमान होते हैं, वहां प्रकृति की अनूठी छठा देखने को मिल ही जाती है। नेपाल के पोखरा में शहर के बीचों-बीच ऐसा मंदिर स्थापित है, जिसे देखकर लगता है कि किसी दूसरी दुनिया में आ गए हैं।

हम बात कर रहे हैं पोखरा के गुप्तेश्वर महादेव मंदिर की। इस मंदिर में विराजमान भगवान शिव स्वयंभू माने जाते हैं, इसी वजह से इस मंदिर की मान्यता काफी ज्यादा है।

नेपाल के पोखरा में बना गुप्तेश्वर महादेव मंदिर कई मायनों में खास है। मंदिर जमीन के नीचे बना है और बनावट अन्य मंदिरों से अलग है। बड़ी सीढ़ियां घुमावदार तरीके से जमीन के अंदर की तरफ जाती है, ऐसा लगता है कि रास्ता मंदिर नहीं, बल्कि पाताल लोक की तरफ जाता है। गहराई में जाकर बहते झरने के पास भगवान शिव वासुकी नाग के साथ विराजमान हैं।

माना जाता है कि जमीन के अंदर बनी सुरंग में भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे। लगातार झरने का पानी भगवान शिव पर गिरता रहता है, जिसकी वजह से मंदिर का रहस्य ज्यादा गहरा जाता है।

गुफा के अंदर भगवान गणेश और नंदी महाराज की प्राचीन मूर्तियां भी हैं। मूर्तियां किस समय की हैं, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है, लेकिन मूर्तियों की हालत बहुत जर्जर है। गुफा के अंदर किसी तरह की लाइट की व्यवस्था नहीं है। सूरज की रोशनी पड़ने से ही मंदिर जगमग रहता है।

मंदिर को लेकर एक लोककथा प्रचलित है। लोगों का मानना है कि बहुत साल पहले जमीन पर बने एक छेद से पानी टपकने की आवाज आ रही थी, जब उसे खोदा गया तो नीचे एक रहस्यमयी गुफा मिली। लोगों ने गुफा की गहराई में जाने की कोशिश की, जहां बहुत अंदर जाकर भगवान शिव का बड़ा शिवलिंग मिला। शिवलिंग पर लगातार झरने का पानी बह रहा था। कहा जाता है कि जमीन के अंदर गुफा में भगवान शिव कब से विराजमान हैं, ये किसी को नहीं पता था। गुफा में शिवलिंग का पता लगाने के बाद स्थानीय लोगों ने पूजा-अर्चना की।

किसी को ज्ञात नहीं है कि जमीन के नीचे बनी गुफा में भगवान शिव कैसे आए और कब आए। गुफा में गुप्त रूप से होने की वजह से ही भगवान शिव को गुप्तेश्वर महादेव का नाम मिला।

--आईएएनएस

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