प्रेम, विलासिता और रिश्तों के ग्रह शुक्र, इनके दोषों से मुक्ति चाहिए तो इन मंदिरों में करें दर्शन

IANS | June 24, 2025 8:36 AM

नई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। वैदिक ज्योतिष के अनुसार प्रेम, विलासिता और रिश्तों का ग्रह शुक्र को माना जाता है। शुक्र भौतिक सुख-सुविधाओं, विलासिता, प्रेम, अंतरंगता, आभूषण, जुनून, धन, दिखावट, कामुक संतुष्टि और जीवंतता का सूचक है।

देवताओं के गुरु से अपने लिए ज्ञान, संतान और धन-धान्य चाहिए तो इन मंदिरों में जाकर करें दर्शन, पूरी होगी हर मनोकामना

IANS | June 23, 2025 3:25 PM

नई दिल्ली, 23 जून (आईएएनएस)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 9 ग्रहों में से बृहस्पति ग्रह को देवताओं का गुरु बताया गया है। यानी गुरु ग्रह ज्ञान, सोच, संवाद, वाणी, धन, स्वास्थ्य और मान-प्रतिष्ठा के कारक हैं। शास्त्रों के अनुसार देवताओं ने भी भगवान बृहस्पति देव (गुरु) से ही ज्ञान प्राप्त किया था।

आचार्य प्रशांत ने किया योग के वास्तविक स्वरूप का पुनर्स्थापन; 40 से अधिक पीवीआर-आईएनओएक्स सिनेमाघरों में गीता सत्र का सीधा प्रसारण

IANS | June 21, 2025 9:30 AM

गोवा, 21 जून (आईएएनएस)। प्राशांतअद्वैत फाउंडेशन और पीवीआर-आईएनओएक्स की ओर से आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में, प्रसिद्ध दार्शनिक और बेस्टसेलिंग लेखक आचार्य प्रशांत ने “भगवद्गीता के प्रकाश में योग” विषय पर देश को संबोधित किया। यह संबोधन गोवा के पीवीआर-आईएनओएक्स ओसिया से हुआ और इसे भारत भर के 40 से अधिक सिनेमाघरों में एक साथ लाइव प्रसारित किया गया।

अगर प्रसन्न हो जाएं मंगल देव तो रंक को बना सकते हैं राजा, भारत के इन मंदिरों में जाकर करें उनका दर्शन

IANS | June 21, 2025 8:02 AM

नई दिल्ली, 21 जून (आईएएनएस)। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली के नव ग्रहों में से मंगल को ग्रहों का सेनापति कहा जाता है। इसे भूमिपुत्र भी कहा गया है। इसके साथ ही बता दें कि इसकी प्रकृति काफी गर्म है, इसका सीधा संबंध व्यक्ति के रक्त से होता है। मंगल ग्रह को साहस, ऊर्जा और आत्मविश्वास के साथ जमीन का भी कारक माना गया है। मंगल मेष और वृश्चिक राशि का स्वामी भी है। इसके साथ मंगल मकर राशि में उच्च और कर्क राशि में नीच का माना गया है।

योगिनी एकादशी पर 19 साल बाद बन रहा है गजब का संयोग!

IANS | June 20, 2025 9:39 AM

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का व्रत बहुत खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है और बीमारियों के साथ ही पूर्व जन्म के पापों से भी मुक्ति मिलती है।

मन अशांत और कुंडली में चंद्र दोष हो तो इन मंदिरों में जाकर करें दर्शन, सारे कष्ट होंगे दूर

IANS | June 20, 2025 8:31 AM

नई दिल्ली, 20 जून (आईएएनएस)। कुंडली के नव ग्रहों में से चंद्रमा को मन और माता का कारक माना गया है। यह बेहद शीतल और शुभ ग्रह है। ऐसे में अगर किसी जातक की कुंडली में चंद्रमा शुभ हो तो ऐसे जातक को समाज में खूब मान-प्रतिष्ठा मिलती है और उसके जीवन में हमेशा शीतलता बनी रहती है। चंद्र को सबसे तेज चलने वाला ग्रह माना गया है। चंद्रमा ढाई दिन में राशि परिवर्तन करता है। यह राशियों में कर्क राशि का स्वामी माना गया है, इसके साथ ही वृषभ राशि को इसकी उच्च राशि और वृश्चिक राशि को इसकी नीच राशि माना गया है।

भारत का एक ऐसा चमत्कारी मंदिर जहां राहु देव की मूर्ति पर दूध चढ़ाकर केतु ग्रह के दुष्प्रभावों से मिलती है मुक्ति

IANS | June 19, 2025 10:29 AM

नई दिल्ली, 19 जून(आईएएनएस)। वैदिक ज्योतिष के अनुसार कुंडली के नौ ग्रहों में दो ग्रह राहु और केतु को छाया ग्रह माना गया है। अगर कुंडली में राहु और केतु खराब स्थिति में हों तो यह जातक के जीवन को परेशानियों से भर देते हैं। वैसे आपको बता दें कि कलयुग में इन दोनों ग्रहों का सबसे ज्यादा प्रभाव माना जाता है।

न्याय के देवता को मनाना है तो इन शनि धाम में पहुंचकर करें दर्शन-पूजन, मिलेगी हर कष्टों से मुक्ति

IANS | June 18, 2025 10:45 AM

नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)। वैदिक ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में 12 भाव और इन 12 भावों में नौ ग्रह स्थान पाते हैं। इन नौ ग्रहों में से राहु और केतु को जहां छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है। वहीं शनि, सूर्य और मंगल को क्रूर ग्रह माना गया है। इसके साथ ही शुभ ग्रहों में बुध, चंद्रमा, गुरु और शुक्र को रखा गया है। शनि को न्याय का देवता कहा गया है। ऐसे में शनि को लेकर मान्यता है कि यह जातक के जीवन को संघर्ष से तो भर देते हैं लेकिन, अगर जातक शनि के हिसाब से चले और अपने को चरित्रवान और बेहतर इंसान बनाकर रखे तो शनिदेव उसकी जिंदगी को खरा सोना भी बना देते हैं।

कलयुग के राजा के कोप से बचना है तो भारत के इन मंदिरों का करें दर्शन, राहु- केतु और शनि देव की भी बरसेगी कृपा

IANS | June 17, 2025 9:12 AM

नई दिल्ली, 17 जून (आईएएनएस)। कुंडली के नव ग्रहों में से जिसे कलयुग का राजा माना गया है, वह राहु है। राहु और केतु को छाया ग्रह की संज्ञा दी गई है। ऐसे में राहु और केतु अगर किसी की कुंडली में उच्च स्थिति में हों, तो वह अप्रत्याशित सफलता और लाभ प्रदान करते हैं और जातक को राजयोग जैसा सुख प्राप्त होता है। वहीं, अगर राहु खराब स्थिति में हो, तो वह इच्छाओं, भ्रम, डर, छल आदि से जातक का जीवन बर्बाद कर देता है।

15 जून को है मिथुन संक्रांति, ग्रह दोष से मुक्ति के लिए करें खास उपाय

IANS | June 14, 2025 6:42 PM

नई दिल्ली, 14 जून (आईएएनएस)। सूर्य देव जब मिथुन राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस ज्योतिषीय घटना को मिथुन संक्रांति कहते हैं। यह सूर्य के वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करने का दिन है, जिसे वैदिक ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण घटना माना जाता है। इस दिन, सूर्य देव की पूजा करने और दान करने का विशेष महत्व बताया गया है। इस साल मिथुन संक्रांति 15 जून को मनाई जाएगी। दक्षिण भारत में संक्रांति को संक्रमणम् कहा जाता है।