मुंबई में सेवा पखवाड़े का आयोजन, पारसी समुदाय ने लगाया 'एक पौधा मां के नाम'

IANS | September 25, 2024 6:37 PM

मुंबई, 25 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ) की ओर से मंगलवार को मुंबई में आयोजित "हमारी धरोहर: एकता और सेवा का उत्सव" कार्यक्रम के दौरान महाराष्ट्र के पारसी समुदाय के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लंबे और स्वस्थ जीवन और उनके नेतृत्व में भारत की प्रगत‍ि और समृद्धि की कामना की।

बौद्ध धर्म गुरुओं ने की पीएम मोदी की तारीफ, बोले- उन्होंने दुनिया भर में बढ़ाया सम्मान

IANS | September 23, 2024 9:21 PM

मुंबई, 23 सितंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 74वें जन्मदिन को अवसर पर मुंबई के नेहरू विज्ञान केंद्र में सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बौद्ध नेताओं ने बुद्ध सर्किट विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताया।

जीवित्पुत्रिका व्रत की ये कहानी छोटी सी लेकिन संदेश बड़ा

IANS | September 23, 2024 4:42 PM

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। संतान की लंबी उम्र और निरोगी काया की कामना करते हुए बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल में माताएं जीवित्पुत्रिका व्रत रखती हैं। कठिन निर्जला उपवास। पंचांग अनुसार इस बार 25 सितंबर को ये रखा जाएगा और 26 सितंबर को पारण होगा। पितृ पक्ष में पड़ने वाला पर्व जिसको मां श्रद्धापूर्वक करती है।

नवरात्रों में बोए जाने वाले जौ सोने के समान, जानें कैसे?

IANS | September 23, 2024 2:27 PM

नई दिल्ली, 23 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में हर एक त्यौहार का अपना एक अलग महत्व है। वहीं साल में दो बार आने वाले नवरात्रों को भी भक्त बेहद ही श्रद्धा भाव के साथ मनाते हैं। यह शक्ति की उपासना का त्यौहार है और इसके जरिए देवी के नौ रूपों की कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए हम अनुष्ठान और पूजा-पाठ करते हैं।

गुरु नानक देव ने समाज को अंधविश्वास से दिलाई मुक्ति

IANS | September 22, 2024 12:11 AM

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में शुरू से गुरु को भगवान का दर्जा दिया गया है, चाहे वह किसी भी धर्म से संबंध क्यों न रखते होे। वहीं अगर सिख धर्म की बात करें, तो गुरु नानक देव जी को सिखों के प्रथम गुरु का दर्जा प्राप्त है।

पूर्वजों की मुक्ति के लिए कौओं को ही क्यों खिलाते हैं भोजन? गरुड़ पुराण में है इसका रहस्य

IANS | September 17, 2024 3:44 PM

नई दिल्ली, 17 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में अपने पितरों की मुक्ति के लिए पितृपक्ष का विशेष महत्व होता है। इस साल पितृ पक्ष मंगलवार (17 सितंबर) से शुरू हो गया है। इस दौरान अगले 15 दिनों तक श्राद्ध और तर्पण के जरिए पितरों को तृप्त किया जाएगा। पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पितरों को तर्पण देने के लिए श्राद्ध के दौरान कौओं को खाना खिलाते हैं। आइए जानते हैं श्राद्ध के दौरान कौओं को भोजन कराने का पौराणिक महत्व क्या है।

'नास्तिक' पेरियार जिन्होंने भेदभाव का किया विरोध, यूनेस्को ने कहा 'दक्षिण एशिया का सुकरात'

IANS | September 16, 2024 8:26 PM

नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। द्रविड़ आंदोलन के जनक ई.वी. रामासामी 'पेरियार' धारा के विपरीत बहने में माहिर थे। समाज के सेट नियमों को ठेंगा दिखा, प्रचलित धारणाओं को धता-बता आगे बढ़ने में यकीन रखते थे। तार्किक आधार पर हिंदू धर्म की खामियां बताने में गुरेज नहीं किया। फटकारे गए, विरोध हुआ फिर भी जो चाहा उसे कहने से कभी हिचके नहीं। इसी पेरियार ने भविष्य की दुनिया को लेकर सपना संजोया। क्या थी वो संकल्पना? कैसा चाहते थे वह आदर्श समाज?

पाप मुक्ति के लिए करें 'अनंत' पूजा, अंक 14 से है खास संबंध

IANS | September 16, 2024 1:09 PM

नई दिल्ली, 16 सितंबर, आईएएनएस। भगवान श्रीहरि के अनंत रूप को पूजा जाता है अनंत चतुर्दशी यानि चौदस पर। अनंत मतलब जिसकी कोई सीमा नहीं। असीमित। भगवान के शेषनाग स्वरूप का पूजन होता है। कहते हैं हर बाधा मुक्त होने के लिए उन्हें पूजा जाता है। 2024 में 17 सितंबर को इसे मनाया जा रहा है। चतुर्दशी पर 14 अंक का महत्व होता है। आखिर ये 14 होते क्या हैं? भगवान विष्णु से इसका कनेक्शन क्या है?

गणपतिपुले मंदिर : यहां के गणपति 'पश्चिम द्वार के देवता', 14वीं सदी में स्वयं प्रकट हुई थी मूर्ति

IANS | September 12, 2024 3:26 PM

नई दिल्ली, 12 सितंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के कोंकण तट पर रत्नागिरी जिले में स्थित भगवान गणपति का भव्य गणपतिपुले मंदिर अपने आप में बेहद खास है। यह देश में मौजूद भगवान गणेश के अन्य मंदिरों से थोड़ा अलग है। मान्यता है कि यहां भगवान की मूर्ति अपने-आप ही प्रकट हुई है। इसके अलावा यहां भगवान का मुख दूसरी दिशा में है।

पुण्यतिथि विशेष: मानव सेवा आसान नहीं और मदर टेरेसा ने इसी मार्ग को चुना

IANS | September 5, 2024 12:00 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। 'प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है' ऐसा मानती थीं लाखों करोड़ों जरूरतमंदों की मदर टेरेसा। जिन्होंने पूरी जिंदगी हाशिए पर जीवन बसर कर रहे लोगों के लिए गुजार दी। उनका यह विश्वास था कि सच्ची सेवा तभी संभव है जब हम पूरी लगन और समर्पण के साथ काम करें। 'सेवा का कार्य एक कठिन कार्य है,' वाले सिद्धांत पर यकीन रखती थीं और उनकी कार्यशैली में भी यही परिलक्षित होता रहा।