स्नान : सिर्फ शरीर की सफाई नहीं, मन की भी शुद्धि का साधन
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। हम सबके लिए नहाना यानी स्नान एक रोज की आदत है, लेकिन आयुर्वेद में स्नान को सिर्फ शरीर की सफाई नहीं, बल्कि मन और आत्मा को ताजगी देने वाला एक संपूर्ण कर्म माना गया है। सही समय और तरीके से किया गया स्नान शरीर की थकान मिटाता है, मन को शांत करता है और दिनभर ऊर्जा से भर देता है।