'एक फोटो का तलबगार हूं मैं, कुछ और मांगूं तो गुनहगार हूं मैं' इंदिरा गांधी को यह शब्द कहकर वापस आने पर मजबूर कर दिया था इस शख्स ने
नई दिल्ली, 26 अगस्त (आईएएनएस)। आज का जमाना अलग है अब सड़कों पर फर्राटा भरती कारों और बाइकों की लंबी तादाद आपको दिख जाएगी। लेकिन, एक समय ऐसा भी था कि घर में साइकिल होना भी शान की बात मानी जाती थी। घर में रेडियो, साइकिल हाथों में घड़ी यह सब कुछ तब स्टेटस सिंबल माना जाता था। कितना कुछ अलग था तब और अब। ऐसे में भारत में साइकिल को आम लोगों के घर तक पहुंचाने में अगर किसी ने अहम भूमिका निभाई तो वह थे ओम प्रकाश मुंजाल उर्फ ओपी मुंजाल जिनको 'भारत के साइकिल मैन'के नाम से जाना जाता है।