एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बिहार में बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया

एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने बिहार में बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट के लिए समझौता किया

नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। सरकारी स्वामित्व वाली एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड ने देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने की केंद्र सरकार की नीति के तहत राज्य में रिन्यूएबल एनर्जी और बैटरी एनर्जी स्टोरेज प्रोजेक्ट (बीईएसएस) की स्थापना के लिए बिहार राज्य बिजली उत्पादन कंपनी लिमिटेड (बीएसपीजीसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।

इस समझौते पर एनजीईएल के सीईओ सरित माहेश्वरी और बीएसपीजीसीएल के तकनीकी निदेशक अब्देश कुमार सिंह ने बिहार के ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव और राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए।

यह समझौता ज्ञापन पिछले महीने एनटीपीसी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड की 1,000 मेगावाट क्षमता के सोलर पीवी पावर प्रोजेक्ट की नीलामी जीतने के बाद आया है। कंपनी ने 2.56 रुपए प्रति किलोवाट घंटे की दर से पावर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।

आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इस महीने की शुरुआत में रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता वृद्धि के लिए एनटीपीसी लिमिटेड की वित्तीय शक्तियों को 7,500 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपए कर दिया।

भारत की अग्रणी विद्युत कंपनी के रूप में एनटीपीसी का लक्ष्य 2032 तक 60 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता जोड़ना है, जिससे देश को 2070 तक 'नेट जीरो' उत्सर्जन के अपने व्यापक लक्ष्य की ओर बढ़ने में मदद मिलेगी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, एनटीपीसी और एनजीईएल को दी गई बढ़ी हुई वित्तीय शक्तियां देश में रिन्यूएबल प्रोजेक्ट के त्वरित विकास में सहायक होंगी। यह कदम पावर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और देश भर में चौबीसों घंटे विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने में निवेश सुनिश्चित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स निर्माण चरण के साथ-साथ संचालन और रखरखाव चरण के दौरान स्थानीय लोगों के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी पेश करेंगे।

बयान में कहा गया है कि इससे लोकल सप्लायर्स, स्थानीय उद्यमों/एमएसएमई को बढ़ावा मिलेगा और देश में उद्यमिता के अवसरों और रोजगार के साथ-साथ सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा।

भारत ने अपनी स्थापित बिजली क्षमता का 50 प्रतिशत गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से प्राप्त कर अपनी ऊर्जा परिवर्तन यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है, जो पेरिस समझौते में राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान के तहत निर्धारित लक्ष्य से पांच वर्ष पहले है।

देश का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है।

--आईएएनएस

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