संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए माताएं करती हैं जितिया व्रत, जानें कथा और महत्व
नई दिल्ली, 14 सितंबर (आईएएनएस)। हिंदू धर्म में जितिया व्रत को सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि मां और संतान के रिश्ते में समर्पण और तपस्या की भावना को भी दर्शाता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के कई हिस्सों में इसे ममता के सबसे बड़े प्रतीक के रूप में देखा जाता है। इसे जीवित्पुत्रिका या जीउतिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है।
 
					 
				 
					 
					 
					 
					 
					 
					 
					 
					 
					 
					 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                 
                