सिंहावलोकन 2025: पद्मश्री शिवानंद बाबा, पोप फ्रांसिस समेत इन 'मार्गदर्शकों' को दुनिया ने नम आंखों से दी विदाई

IANS | December 14, 2025 4:53 PM

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 एक ऐसे वर्ष के रूप में दर्ज हुआ, जब अलग-अलग धर्मों, संप्रदायों ने अपने प्रभावशाली मार्गदर्शकों को खो दिया। ये वे नाम थे, जिनकी पहचान केवल पूजा-पाठ या धार्मिक उपदेशों तक सीमित नहीं थी, बल्कि शिक्षा, सेवा, करुणा और नैतिक नेतृत्व से जुड़ी हुई थी।

पाचन से वजन तक, सेहत का खजाना है भुना जीरा

IANS | December 14, 2025 1:59 PM

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। भारतीय रसोई का अहम मसाला जीरा सिर्फ स्वाद बढ़ाने वाला नहीं, बल्कि सेहत का असली खजाना है। आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि कच्चा जीरा जितना फायदेमंद है, उससे दोगुना फायदेमंद भुना जीरा होता है। पाचन, खून, वजन और हार्मोन संतुलन का आयुर्वेदिक रक्षक है, बशर्ते सही तरीके से सेवन किया जाए।

एनर्जी बूस्टर शहद : बूस्ट होती है इम्युनिटी, ऐसे करें सेवन

IANS | December 14, 2025 12:38 PM

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनियमित दिनचर्या के बीच सेहत का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। ऐसे में प्रकृति का खजाना है शहद, जो न स्वादिष्ट बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर है।

श्री श्रृंगरा वल्लभ स्वामी मंदिर: ये है दक्षिण भारत का पहला तिरुपति मंदिर! खुद देवताओं ने रखी थी मंदिर की नींव

IANS | December 13, 2025 11:10 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। दक्षिण भारत में तिरुपति बालाजी मंदिर की महिमा बहुत ज्यादा है, हर भक्त अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए इस मंदिर की चौखट पर जरूर आता, लेकिन क्या आप जानते हैं कि तिरुपति बालाजी मंदिर से अधिक पुराना मंदिर आंध्र प्रदेश में मौजूद है?

माइग्रेन से तनाव तक, सिर के रोगों का सर्वोत्तम उपचार है नस्य कर्म, जानें सही विधि और समय

IANS | December 13, 2025 10:53 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। काम का दबाव हो या अनियमित दिनचर्या ये शारीरिक के साथ ही कई मानसिक समस्याओं की वजह बनते जा रहे हैं। ऐसे में आज के समय में ज्यादातर लोग तनाव, माइग्रेन के साथ ही सिर के कई रोगों की जद में आसानी से आ जाते हैं। आयुर्वेद सिर के रोगों का सर्वोत्तम उपचार नस्य कर्म को बताता है।

सेहत का कवच है पांच स्वादों वाला हरड़, वात-पित्त-कफ का दुश्मन

IANS | December 13, 2025 10:40 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में हरड़ या हरितकी को 'अमृत तुल्य' औषधि माना गया है। इसे कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने वाला सेहत का साथी और तीनों दोषों (वात-पित्त-कफ) का दुश्मन कहा जाता है।

अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह: बनारसी साड़ी की परंपरा, बुनाई और वैश्विक पहचान

IANS | December 13, 2025 10:32 PM

वाराणसी, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। काशी या वाराणसी प्राचीन समय से भारत के सबसे प्रमुख हस्तशिल्प केंद्रों में से एक रहा है। इस शहर की पहचान विश्व प्रसिद्ध बनारसी साड़ी से है, जो न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व में अपनी भव्यता और बारीक कारीगरी के लिए पसंद की जाती है। अखिल भारतीय हस्तशिल्प सप्ताह का आयोजन 8 से 14 दिसंबर तक चलता है। इस मौके पर बनारसी साड़ी और उसकी बुनाई के बारे में जानते हैं।

सिंहावलोकन 2025: ऑपरेशन सिंदूर समेत दुनिया की वो बड़ी घटनाएं जिन्होंने सालभर सुर्खियां बटोरीं

IANS | December 13, 2025 8:57 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। साल 2025 अब खत्म होने वाला है। 2025 का ये आखिरी महीना चल रहा है और इस साल कई अच्छी और बुरी घटनाएं हमें देखने को मिलीं। कुछ घटनाएं हमारी आंखों को नम कर गईं, तो कुछ घटनाएं दिलों को खुशियों से भर गईं। ऐसे में जानते हैं दुनिया की कुछ ऐसी घटनाएं, जिन्होंने खूब सुर्खियां बटोरीं।

जयंती विशेष: नास्त्रेदमस ने दुनिया को डराया और उलझाया भी, विपरीत परिस्थितयों ने गढ़ा ये भविष्यवक्ता

IANS | December 13, 2025 5:55 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। जब भी नया साल कुछ फर्लांग की दूरी पर होता है तो दो भविष्यवक्ताओं की चर्चा खूब होने लगती है। उनकी भविष्यवाणियों का निहितार्थ निकाला जाने लगता है। जिन्में से एक हैं बाबा वेंगा और दूसरे हैं 14 दिसंबर 1503 को जन्मे नास्त्रेदमस। नास्त्रेदमस की पैदाइश फ्रांस के छोटे से कस्बे सेंट-रेमी-डी-प्रोवॉन्स की है। ऐसे शख्स रहे जिनकी कलम सदियों बाद भी दुनिया को उलझाए रखती है। वह आदमी जिन्हें कुछ लोग दूरदर्शी भविष्यवक्ता कहते हैं, कुछ रहस्यवादी कवि, और कुछ सिर्फ एक बेहद बुद्धिमान चिकित्सक और खगोलशास्त्री।

12 वर्ष की उम्र, पिता का 16 मिमी कैमरा, जब श्याम बेनेगल ने छोटी-सी उम्र में पर्दे पर फिल्माई थी कहानी

IANS | December 13, 2025 5:13 PM

नई दिल्ली, 13 दिसंबर (आईएएनएस)। श्याम बेनेगल के बिना शायद भारतीय फिल्मों के इतिहास की बात अधूरी होगी। करीबी उन्हें श्याम बाबू बुलाया करते थे। एक ऐसे फिल्ममेकर जिन्होंने परंपराओं को चुनौती दी, चाहे वह अंकुर में जातिगत समीकरणों की बात हो, मंथन में डेयरी कोऑपरेटिव आंदोलन की, या भूमिका में महिलाओं की भावनात्मक जटिलताओं की, बेनेगल की फिल्में बिना किसी लाग-लपेट के सच्ची और प्रासंगिक रहीं। श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्मों से भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा दी, उसे सामाजिक चेतना से जोड़ा और कई प्रतिभाओं को मंच प्रदान किया।