सूर्य नमस्कार से नौकासन तक, कफ दोष संतुलन में प्रभावी हैं ये योगासन
नई दिल्ली, 26 जून (आईएएनएस)। आयुर्वेद के अनुसार, शरीर में वात, पित्त और कफ का संतुलन स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। कफ, जो पृथ्वी और जल तत्वों से जुड़ा है, शरीर में स्थिरता और चिकनाई प्रदान करता है। लेकिन, असंतुलन होने पर यह कई समस्याओं की वजह भी बन सकता है। इससे आलस्य, बलगम और सर्दी-खांसी के साथ वजन बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कई योगासन कफ दोष को संतुलित करने में कारगर है।