मनमोहन सिंह: हजारों सवाल, एक खामोशी, जब कम बोलने वाला प्रधानमंत्री गहरी छाप छोड़ गया
नई दिल्ली, 25 दिसंबर (आईएएनएस)। 'हजारों जवाबों से अच्छी है मेरी खामोशी, न जाने कितने सवालों की आबरू रखी।' देश के सबसे ताकतवर पद पर रहे मनमोहन सिंह के यह शब्द उन हजारों सवालों का जवाब था, जो उस समय विपक्ष में बैठने वाली भाजपा और दूसरे विरोधी दल उनकी चुप्पी पर उठाया करते थे।