'आंतरिक मुक्ति के बिना स्वतंत्रता अधूरी', गीता के संदेश पर आचार्य प्रशांत
नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। स्वतंत्रता दिवस और जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर दार्शनिक और लेखक आचार्य प्रशांत ने कहा कि 1947 में मिली भारत की राजनीतिक स्वतंत्रता, गीता के आह्वान—आंतरिक मुक्ति—के बिना अधूरी है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सच्ची स्वतंत्रता के लिए आध्यात्मिक मुक्ति और विचारों की स्वतंत्रता, दोनों अनिवार्य हैं।