मरियप्पन थंगावेलु और वरुण भाटी, जिन्होंने जिंदगी की रेस को 'कूदकर' पार किया

IANS | September 10, 2024 9:05 AM

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। ओलंपिक या पैरालंपिक खेलों में खिताब जीतना एक बड़ी उपलब्धि है। भारत के कुछ खिलाड़ियों ने लगातार दो ओलंपिक या पैरालंपिक में भी मेडल जीते हैं। अब तो एक ही ओलंपिक इवेंट में एक खिलाड़ी द्वारा दो मेडल लाने की उपलब्धि भी दर्ज हो चुकी है। हाल ही में पेरिस पैरालंपिक सम्पन्न हुए जिसमें भारत ने ऐतिहासिक प्रदर्शन किया। जिन खिलाड़ियों ने चमक बिखेरी उनमें एक नाम मरियप्पन थंगावेलु का था। जिन्होंने पैरालंपिक खेलों में एक और मेडल जीता था। ऐसा कर वह लगातार तीन पैरालंपिक मेडल जीतने वाले भारत के पहले एथलीट बन गए। एक ऐसी ऐतिहासिक उपलब्धि जिसकी शुरुआत 10 सितंबर को ही हुई थी।

रणजीत सिंह : जिन्होंने भारत के गली-कूचों में खेले जाने वाले क्रिकेट को जुनून में बदलने की शुरुआत की

IANS | September 10, 2024 8:38 AM

नई दिल्ली, 10 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के गली कूचों में खेले जाने वाले क्रिकेट को एक एहसास और धर्म में बदलने की शुरुआत कहां से हुई होगी? जेहन में सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, कपिल देव, विराट कोहली जैसे दिग्गजों का नाम आता है। इन खिलाड़ियों को देखकर युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती रही है। लेकिन इन खिलाड़ियों ने इस खेल की शुरुआत नहीं की थी। सब जानते हैं अंग्रेजों ने क्रिकेट की शुरुआत की थी लेकिन 'भारतीय क्रिकेट का पिता' कौन था, जिसके खेलने के निराले अंदाज पर गोरे भी फिदा थे। वह खिलाड़ी जिसने इस खेल में गोरे रंग का तिलिस्म तोड़कर अपनी पहचान बनाई और भारत में हजारों लोगों को क्रिकेट खेलने की प्रेरणा दी। यह थे रणजीत सिंह.....कुमार रणजीत सिंह जिनके ऊपर रणजी ट्रॉफी का नाम पड़ा था।

तूलिका मान बर्थडे : लियोनल मेसी को आदर्श मानने वाली भारतीय जूडोका, जिसने पूरा किया मां का सपना

IANS | September 9, 2024 11:13 AM

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जूडो एक ऐसा खेल जिसमें आत्म-नियंत्रण, रणनीति और सहनशीलता का मेल होता है। जब जूडोका मैट पर उतरते हैं, तो हर दांव में उनकी वर्षों की कड़ी मेहनत, समर्पण और अनुशासन झलकता है। यह खेल सिर्फ फिजिकल ताकत का नहीं, बल्कि मानसिक दृढ़ता का भी प्रतीक है। जापान की धरती से जन्मा यह आधुनिक मार्शल आर्ट का रूप ओलंपिक खेलों का भी हिस्सा है। जहां पेरिस ओलंपिक में भारत की एकमात्र जूडोका थीं तूलिका मान, जिनका जन्म 9 सितंबर के दिन हुआ था।

9 सितंबर : जब हुआ था विलियम्स बहनों का टकराव, भूपति की जीत और सम्प्रास की विदाई

IANS | September 9, 2024 8:28 AM

नई दिल्ली, 9 सितंबर (आईएएनएस)। जहां हर सर्व एक कहानी बताता है और हर रिटर्न एक चुनौती पेश करता है। जब तेज गति से आती गेंद को फॉलो करने के लिए मशक्कत करते खिलाड़ी और रैकेट की हल्की सी झन्नाटेदार आवाज कोर्ट पर हलचल पैदा करते हैं, तब समझ लीजिए टेनिस का जादू आपका इंतजार कर रहा है। और 9 सितंबर का दिन इस खेल के बड़े टूर्नामेंट यूएस ओपन में एक संगम की तरह से है, जिस दिन तीन चैंपियन बने थे। जहां भारत ने भी आज से 25 साल पहले बड़ी उपलब्धि हासिल की थी।

1972 से 2024 तक : पैरालंपिक खेलों में कुछ ऐसा रहा भारत का प्रदर्शन

IANS | September 8, 2024 3:41 PM

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। साल 2024 का ओलंपिक अभियान भारत के लिए मिला-जुला था। जहां पदक के कुछ बड़े दावेदारों के हाथ निराशा लगी तो मनु भाकर जैसे चेहरे एक ही ओलंपिक में दो पदक के साथ सुपरस्टार बन गए। नीरज चोपड़ा ने सिल्वर मेडल जीता तो हॉकी टीम भी लगातार दूसरी बार मेडल लेकर घर आई। तमाम प्रयासों के बावजूद भारत 1 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज के साथ 6 मेडल ही जीत पाया और 71वें स्थान पर रहा। भारत टोक्यो के 7 मेडल के रिकॉर्ड को नहीं तोड़ पाया। इस बैकग्राउंड में शुरू हुए पैरालंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से हौसले एक बार फिर से बुलंद कर दिए हैं।

देश में नई खेल संस्कृति की नींव साबित हो सकता है पेरिस पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों का प्रदर्शन

IANS | September 8, 2024 3:11 PM

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। पेरिस पैरालंपिक में भारत का अभियान समाप्त हो गया है। भारतीय खिलाड़ियों ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए टोक्यो पैरालंपिक के रिकॉर्ड को भी बहुत पीछे छोड़ दिया है। भारत ने टोक्यो में हुए पैरालंपिक खेलों में 19 मेडल जीते थे। इस बार भारत ने 29 मेडल के साथ अपना अभियान समाप्त किया जो पैरालंपिक शुरू होने से पहले दिए गए 'अबकी बार 25 पार' के नारे के अनुरूप है।

चाहे बजट हो कम लेकिन ओलंपियनों पर भारी पड़ा पैरा ओलंपियनों का दमखम

IANS | September 8, 2024 10:41 AM

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। अगर किस्मत में लिखा हो तो राजा रंक बन सकता है और रंक राजा। कुछ ऐसा ही दौर दूर देश के शहर पेरिस में चल रहा है। ओलंपिक के मंच पर जहां भारत कभी तकदीर की मार, तो कभी नियमों का उलाहना दे अपनी नाकामियां छुपा रहा था। अब उसी मंच पर भारत अपना दबदबा दुनिया के सामने पेश कर रहा है। बस फर्क इतना है कि इस बार टूर्नामेंट पैरालंपिक है।

8 सितंबर : जब भारतीय हॉकी ने रूप सिंह को पाया और क्रिकेट ने लॉरी विलियम्स को खोया

IANS | September 8, 2024 8:41 AM

नई दिल्ली, 8 सितंबर (आईएएनएस)। जब भी हॉकी की बात की जाती है तो मेजर ध्यानचंद का नाम ही ध्यान में आता है। इस दौरान हम हॉकी के उस महान खिलाड़ी को भूल जाते हैं जो मेजर ध्यानचंद के भाई थे, जिन्होंने आजादी से पहले भारतीय हॉकी में बड़ा योगदान दिया था। बर्लिन ओलंपिक में हिटलर को अपनी हॉकी के जादू से मोहित करने वाले इस खिलाड़ी का नाम है रूप सिंह, जिनका जन्म 8 सितंबर, 1908 में हुआ था। रूप सिंह...जिनके बारे में एक बार खुद ध्यानचंद ने कहा था, "वह मुझसे कहीं बेहतर खिलाड़ी है।"

बर्थडे स्पेशल : फिरोज पालिया और प्रज्ञान ओझा, जिनका पहला और अंतिम टेस्ट मैच ऐतिहासिक था

IANS | September 5, 2024 12:07 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत के लिए सबसे तेज 100 टेस्ट विकेट लेने वाला बाएं हाथ का स्पिनर। एक ऐसी उपलब्धि जिसके बाद उसके करियर पर ब्रेक लग गया था। जिसका करियर मात्र 113 विकेट के साथ समाप्त हो गया था। अनिल कुंबले के करियर की संध्या और रविचंद्रन अश्विन व रवींद्र जडेजा के करियर के उदय के बीच जगह बनाने वाले यह स्पिनर थे प्रज्ञान ओझा, जिनके साथ दुर्भाग्य भी जुड़ा हुआ है और वक्त की निर्ममता भी।

बर्थडे स्पेशल: विकेट के पीछे शानदार किरण मोरे, बल्ले के साथ तूफानी लांस क्लूजनर

IANS | September 4, 2024 9:00 AM

नई दिल्ली, 4 सितंबर (आईएएनएस)। किरण मोरे का कद छोटा था लेकिन वह भारत के उन विकेटकीपरों में से थे जिन्होंने हमेशा चुनौती का मजा लिया। मोरे की जुझारू प्रवृत्ति ही उन्हें सबसे अलग बनाती है।