क्लीन हिमालयन हिल सिटीज इनिशिएटिव: हिमालयी पहाड़ी शहरों को कचरा मुक्त बनाने की नई पहल

क्लीन हिमालयन हिल सिटीज इनिशिएटिव: हिमालयी पहाड़ी शहरों को कचरा मुक्त बनाने की नई पहल

नई दिल्ली, 16 दिसंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के विज्ञान भवन में मंगलवार को क्लीन हिमालयन हिल सिटीज इनिशिएटिव की तैयारी वर्कशॉप आयोजित की गई। यह पहल स्वच्छ भारत मिशन-अर्बन 2.0 के तहत हिमालयी और पहाड़ी शहरों में ठोस कचरा प्रबंधन को मजबूत करने पर केंद्रित है।

नवंबर में घोषित 1000 करोड़ रुपए के हिल एंड हिमालयन सिटीज़ फोकस्ड फंड के साथ यह इनिशिएटिव जनवरी 2026 से लागू होगा। वर्कशॉप में 13 राज्यों के प्रतिनिधि, विशेषज्ञ और एनजीओ शामिल हुए, जहां हिमालय की नाजुक पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए डिसेंट्रलाइज्ड और रेजिलिएंट टेक्नोलॉजी पर जोर दिया गया।

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सेक्रेटरी श्रीनिवास कटिकिथाला ने इनिशिएटिव की घोषणा करते हुए कहा, "हिमालय और यह पूरा इलाका धरती के सबसे नए पहाड़ सिस्टम में से एक है। हिमालय में सब कुछ हिल रहा है—पानी, धरती, चट्टानें और लोग। उत्तराखंड से मैदानों की ओर माइग्रेशन के अलावा अब टूरिज्म और प्राकृतिक आपदाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जो शहरों के प्रबंधन को चुनौती दे रही है।"

जॉइंट सेक्रेटरी रूपा मिश्रा ने कहा, "सेक्रेटरी ने पहाड़ी शहरों पर फोकस की खास पहल का कॉन्सेप्ट दिया था। पिछले 48 घंटों में हमने 13 राज्यों—नॉर्थ-ईस्ट के 8, हिमालय के 4 और पश्चिम बंगाल के 5 शहरों—की टीमों की खूबसूरत कहानियां देखीं, जो सोशल मीडिया पर शेयर हो रही हैं।"

कीपिंग द एनवायरनमेंट इकोलॉजिकली नेचुरल (कीन) की चेयरपर्सन सुनीता कुडले ने बताया, "कीन यानी कीपिंग द एनवायरनमेंट इकोलॉजिकली नेचुरल, मसूरी के निवासियों का नागरिक आंदोलन है। हम घर-घर कचरा इकट्ठा करने, अलग करने और ट्रांसपोर्ट करने का काम करते हैं, जो मसूरी नगर परिषद ने हमें आउटसोर्स किया है।"

इंटीग्रेटेड माउंटेन इनिशिएटिव के रोशन राय ने कहा, "हम पहाड़ों से जुड़े मुद्दों के लिए प्लेटफॉर्म हैं, जहां हिमालय की नाजुक सामाजिक-पारिस्थितिकी के लिए संवेदनशील पॉलिसी की जरूरत है।"

पर्यावरणविद मनोज बेंझवाल ने कहा, "स्वच्छ भारत मिशन एक आंदोलन है। 1997 से मैं युवाओं को ट्रेकिंग पर कचरा वापस लाने के लिए प्रेरित करता हूं।"

हीलिंग हिमालयाज के फाउंडर प्रदीप सांगवान ने बताया, "टूरिस्ट डेस्टिनेशन्स पर सफाई अभियान चलाते हैं, समुदाय इकट्ठा करते हैं और कचरे का ऑडिट करते हैं।"

एज़्योर लोटस फाउंडेशन की इत्तिशा सारा ने कहा, "कचरे की समस्या से चिंतित होकर मैंने सोशल डिजाइन में मास्टर किया और इस फील्ड में काम शुरू किया।"

--आईएएनएस

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