IANS
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September 10, 2024 8:28 AM
नई दिल्ली, 10 सितंबर(आईएएनएस)। समाज को साहित्य और साहित्य को समाज कैसे एक-दूसरे से जोड़ता है और कैसे एक-दूसरे के बीच यह सामंजस्य बिठाता है। यह साहित्यिक रचनाओं से साफ पता किया जा सकता है। समाज में समानता-असमानता, उतार-चढ़ाव, हानि-साभ, जीवन-मरण, अपना-पराया, स्त्री-पुरुष, अच्छा-बुरा सबके चित्रण का सबसे सशक्त जरिया अगर कुछ है तो वह साहित्य है। लेकिन साहित्य के शब्द इन दो विपरीतार्थक शब्दों के कोष से निकलकर किसी तीसरे शब्द के लिए कलम के जरिए पन्नों पर उतरते हैं तो उसका एक अलग ही मिशन होता है। ऐसा ही एक साहित्य रचा गया चित्रा मुद्गल की कलम से, कालजयी इस साहित्यिक रचना का नाम रखा गया 'पोस्ट बॉक्स नंबर-203 नाला सोपारा'।