सुपरपावर बनने के लिए पूर्ण साक्षरता, शून्य गरीबी हासिल करना सबसे बड़ी चुनौती : गौतम अदाणी

IANS | September 5, 2024 9:07 PM

मुंबई, 5 सितंबर (आईएएनएस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को कहा कि ऐसे समय में जब भारत सुपरपावर बनने के सपने संजो रहा है, हमें इस बड़ी छलांग में देश की मदद के लिए अंतिम चुनौतियों - पूर्ण साक्षरता और शून्य गरीबी - से पार पाने पर ध्यान देना चाहिए।

10 लाख से अधिक बाशिंदों की गरिमा बहाल करने का मिशन है धारावी परियोजना : गौतम अदाणी

IANS | September 5, 2024 8:33 PM

मुंबई, 5 सितंबर (आईएएनएस)। अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी ने गुरुवार को यहां कहा कि धारावी महज एक पुनर्विकास परियोजना नहीं है, बल्कि यहां के 10 लाख से अधिक बाशिंदों की गरिमा बहाल करने और उन्हें सस्टेनेबल जीवन का अद्वितीय इकोसिस्टम प्रदान करने का एक मिशन है।

चिकित्सक जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में उम्मीद का चिराग बुझने नहीं दिया , डॉ केके अग्रवाल और डेंटिस्ट अमृत तिवारी को याद करने का दिन आज

IANS | September 5, 2024 3:39 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। कोविड ने दुनिया को परेशान कर रखा था। लोग बदहवास थे। अफरातफरी का माहौल था, लोग घरों में महीनों कैद रहने को मजबूर हो गए। ऐसे विकट समय में ही डॉ केके अग्रवाल लाखों का हाथ थामा। उनकी उंगली पकड़ी और कहा 'शो मस्ट गो ऑन'।

'हीरोइन ऑफ हाईजैक' : बर्थडे से दो दिन पहले गंवाई जान, आतंकियों से बचाई थी 360 यात्रियों की जान

IANS | September 5, 2024 1:39 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। नीरजा भनोट एक सक्सेसफुल मॉडल और एयरहोस्टेज थीं। 5 सितंबर 1986 में हुए प्लेन हाईजैक में उन्होंने बहादुरी का परिचय देते हुए 300 से ज्यादा लोगों की जान बचाई थी।

16 साल में शादी, 21 साल में लेक्चरर, डॉ. राधाकृष्णन की अनोखी कहानी

IANS | September 5, 2024 12:24 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने 16 साल में शादी के बंधन में बंधकर समाज के नियमों को माना तो 21 साल की उम्र में लेक्चरर बनकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ये शख्स हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, उनकी जिंदगी की यह दिलचस्प दास्तान आपको हैरान कर देगी।

पुण्यतिथि विशेष: मानव सेवा आसान नहीं और मदर टेरेसा ने इसी मार्ग को चुना

IANS | September 5, 2024 12:00 PM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। 'प्यार की भूख रोटी की भूख से कहीं बड़ी है' ऐसा मानती थीं लाखों करोड़ों जरूरतमंदों की मदर टेरेसा। जिन्होंने पूरी जिंदगी हाशिए पर जीवन बसर कर रहे लोगों के लिए गुजार दी। उनका यह विश्वास था कि सच्ची सेवा तभी संभव है जब हम पूरी लगन और समर्पण के साथ काम करें। 'सेवा का कार्य एक कठिन कार्य है,' वाले सिद्धांत पर यकीन रखती थीं और उनकी कार्यशैली में भी यही परिलक्षित होता रहा।

सर रतनजी टाटा: जिनकी उदारता से गोखले और महात्मा गांधी का आंदोलन हुआ था मजबूत

IANS | September 5, 2024 11:46 AM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। आज हम अपनी जिंदगी के किसी भी हिस्से को उठाकर देखते हैं तो टाटा कंपनी के किसी न किसी ब्रांड से हमारा वास्ता पड़ ही जाता है। चाहे आप सड़क से जा रहे हों, हवाई यात्रा कर रहे हों, किसी होटल में ठहर रहे हों, या सिर्फ अपने घर पर भी हों...'टाटा' आपकी जिंदगी का अहम हिस्सा है। टाटा समूह के एक ऐसे ही अहम सदस्य थे सर रतनजी जमशेदजी टाटा, जिनके लिए बिजनेस सिर्फ व्यापार नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण का साधन भी था।

जब परिवार का खर्चा चलाने के लिए घर-घर जाकर ट्यूशन देने लगे सर्वपल्ली राधाकृष्णन

IANS | September 5, 2024 9:57 AM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। शिक्षा की अलख जगाने वाले भारत रत्न डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन शिक्षकों के प्रयासों को समर्पित है। देश के सर्वोच्च पद पर आसीन होने वाले राधाकृष्णन ने अथक प्रयास किया। तमाम परेशानियां झेलीं, घर खर्च चलाने के लिए होम ट्यूशन दिया पर शिक्षा के प्रति ईमानदारी कभी नहीं छोड़ी। अपने प्रोफेशन से उन्हें गहरा लगाव था।

जानिए, 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? क्या है इस बार की थीम?

IANS | September 5, 2024 9:20 AM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। भारत में शिक्षक दिवस की स्थापना का इतिहास 62 साल पुराना है। नींव 5 सितंबर 1962 को पड़ी। यह दिन भारतीय शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए समर्पित है। इसी दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः, जिसने आपको किताबों का दिया ज्ञान वही नहीं हैं केवल आपके शिक्षक

IANS | September 5, 2024 8:47 AM

नई दिल्ली, 5 सितंबर (आईएएनएस)। गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः, गुरुः साक्षात्‌ परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ हमारे संतों ने जगत में गुरु को ही सर्वश्रेष्ठ माना है। क्योंकि गुरु ही छात्रों के एक मात्र हितैषी हैं, वे सब कुछ करने वाले हैं, बिना उनके ज्ञान रूपी आशीर्वाद के कुछ भी नहीं होने वाला है। ऐसे में गुरु के अतिरिक्त किसी और पर भरोसा करने वाला ज्ञान प्राप्त नहीं कर सकता।