बर्थडे स्पेशल : फिराक गोरखपुरी और राजेंद्र यादव, जिनके लिखने के अंदाज में थी क्रांति की ललक और बेबाकी
नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उर्दू शायरी हो या फिर हिंदी साहित्य। अक्सर चर्चाएं होती हैं कि इनमें कौन एक-दूसरे से बेहतर है। लेकिन, हम आज आपको उर्दू शायरी और हिंदी साहित्य की दो ऐसी शख्सियतों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी कलम की स्याही से समाज को नई दिशा देने का काम किया। हम बात कर रहे हैं उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी और लोकप्रिय उपन्यासकार राजेंद्र यादव की। इन दोनों ही हस्तियों का जन्म 28, अगस्त को हुआ था।