बर्थडे स्पेशल : फिराक गोरखपुरी और राजेंद्र यादव, जिनके लिखने के अंदाज में थी क्रांति की ललक और बेबाकी

IANS | August 28, 2024 11:20 AM

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। उर्दू शायरी हो या फिर हिंदी साहित्य। अक्सर चर्चाएं होती हैं कि इनमें कौन एक-दूसरे से बेहतर है। लेकिन, हम आज आपको उर्दू शायरी और हिंदी साहित्य की दो ऐसी शख्सियतों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपनी कलम की स्याही से समाज को नई दिशा देने का काम किया। हम बात कर रहे हैं उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी और लोकप्रिय उपन्यासकार राजेंद्र यादव की। इन दोनों ही हस्तियों का जन्म 28, अगस्त को हुआ था।

बर्थडे स्पेशल : 'द्रास का टाइगर'... जिसने अपनी जान के बदले पहाड़ की चोटियों से दुश्मन को खदेड़ दिया

IANS | August 28, 2024 10:41 AM

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। 'ये अंगूठी रख लो और मेरी मंगेतर को दे देना, मुझसे ये बोझ उठाया नहीं जाता', अपने साथी को यह कहते हुए भारत मां का एक 'वीर सिपाही' दुश्मन को सबक सिखाने निकल पड़ा। हीर रांझा की प्रेम कहानियां तो आपने कई बार सुनी होगी लेकिन देश प्रेम के लिए अपने प्यार को भी कुर्बान करने वाले इस नौजवान की प्रेम कहानी आपकी आंखे नम कर देगी।

उस्ताद विलायत खान : जिन्होंने दो बार ठुकराया पद्म विभूषण, "आफताब-ए-सितार" के नाम से जानती है दुनिया

IANS | August 28, 2024 9:40 AM

नई दिल्ली, 28 अगस्त (आईएएनएस)। शास्त्रीय संगीत की बात हो और उस्ताद विलायत खान का जिक्र न हो, ऐसा भला हो सकता है क्या? संगीत की समझ या फिर सितार पर पकड़, उनकी इस कला का हर कोई कायल था। जितना वह अपने संगीत कौशल के लिए जाने जाते थे। उतना ही अपने स्वभाव के लिए मशहूर थे। शायद ही ऐसा कोई भारतीय शास्त्रीय संगीत प्रेमी होगा, जो सितार के महानायक उस्ताद विलायत खान के बारे में नहीं जानता होगा।

बिटिया की बदलती दुनिया, माता-पिता के लिए चुनौतियां, क्या करें कि दूरियां और न बढ़ें

IANS | August 27, 2024 6:56 PM

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। बेटियां भगवान का अनमोल उपहार होती हैं, लेकिन अक्सर माता-पिता के रूप में हम उनकी जरूरतों और भावनाओं को सही तरीके से नहीं समझ पाते। यही गलतफहमी हमारे और हमारी बेटियों के बीच दूरी बढ़ा देती है। यह जरूरी है कि हम अपनी बेटियों के साथ एक मजबूत और समझदारी भरा रिश्ता बनाएं, जो न केवल उनका आत्मविश्वास बढ़ाए बल्कि उन्हें जीवन के हर कदम पर हमारे साथ खड़ा महसूस कराए।

सर दोराबजी जमशेदजी टाटा, स्टीलमैन जिसने विरासत बखूबी संभाली, पिता के सपने को किया पूरा और एक शहर का कर दिया कायाकल्प

IANS | August 27, 2024 10:52 AM

नई दिल्ली, 27 अगस्त (आईएएनएस)। “उठा लो टाटा का कोई भी शेयर, पुरानी कंपनी है। आज नहीं तो कल फायदा ही देगी”, हर्षद मेहता की लाइफ पर आधारित वेब सीरीज ‘स्कैम 1992’ में ये डायलॉग एक्टर प्रतीक गांधी के थे। भले ही ये मात्र एक वेब सीरीज के संवाद हों, लेकिन 21वीं सदी के तेजी से बढ़ते भारत में ये पंक्तियां टाटा के लिए बिलकुल सटीक साबित होती है।

'मेरी गंगा कहां से लाओगे', जब उस्ताद बिस्मिल्लाह खान को मिला था अमेरिका में बसने का प्रस्ताव

IANS | August 21, 2024 12:20 PM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। मौका था भारत की आजादी का और जगह थी दिल्ली का ऐतिहासिक लाल किला। 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से 200 साल की गुलामी के बाद आजादी मिली थी। इस ऐतिहासिक मौके पर एक ऐसी शख्सियत को भी बुलाया गया था जिन्होंने लाल किले पर शहनाई बजाकर भारत की आजादी को और भी यादगार बना दिया।

इस्मत आपा : अश्लील लेखिका का 'तमगा', कोर्ट का चक्कर, शब्दों ने बनाया 'लेडी चंगेज खान'

IANS | August 21, 2024 10:24 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। साहित्य जगत में 'लेडी चंगेज खान' के नाम से मशहूर इस्मत चुगताई किसी परिचय की मोहताज़ नहीं हैं।

मिजाज से नरम लेकिन क्रांति के लिए 'गरम मन' वालों के समर्थक थे गांधीवादी काका कालेलकर

IANS | August 21, 2024 9:44 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। बचपन में अंग्रेजों के खिलाफ ऐसी आवाज बुलंद की कि डॉक्टर ने कड़वी दवाई को मीठा करने के लिए उसमें चीनी मिलाई तो दवा खानी ही छोड़ दी। यरवदा जेल में बापू ने कह दिया कि तुमने मुझसे झूठ बोला, धोखा दिया और पपीता खिलाया तो इन्होंने कसम खा ली कि ताउम्र पपीता नहीं खाउंगा। मीठे से दूरी के बाद भी जिनकी कलम साहित्य रचना के समय मिठास से भरी रही। उनकी साहित्यिक भाषा और शैली ओजस्वी थी क्योंकि उन्हें पराधीनता रास नहीं आती थी। अपने निबंधों को जिन्होंने हमेशा व्याख्यात्मक शैली में लिखा और कुछ रचनाएं तो ऐसी जिसमें उन्होंने विचारक के तौर पर उपदेशात्मक शैली के दर्शन कराए।

विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस : बुजुर्गों के अनुभवों को सलाम करने का दिन, ताकि हम अपनी जड़ों से जुड़े रह सकें

IANS | August 21, 2024 9:32 AM

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। "सफलता के लिए उम्र कोई बाधा नहीं, बल्कि ज्ञान की सीढ़ी है...एक ऐसी दुनिया जहां लगातार परिवर्तन हो रहा है, वहां बुजुर्गों में ज्ञान, अनुभव और स्थिरता का भंडार है।" किसी अज्ञात द्वारा कही ये लाइनें उम्रदराज होने की अहमियत को बखूबी बयां करती हैं। क्योंकि "बूढ़ा होना बीमारी नहीं बल्कि एक जीत है।" जिंदगी की इस जीत के प्रति हमें संवेदनशील बनाने के लिए 21 अगस्त को मनाया जाता है 'विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस।'

जस्टिस हेमा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का राज'

IANS | August 19, 2024 10:00 PM

तिरुवनंतपुरम, 19 अगस्त (आईएएनएस)। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं की स्थिति पर न्यायमूर्ति के. हेमा समिति की रिपोर्ट सोमवार को जारी कर दी गई। इसमें कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पुरुष-प्रधान इस उद्योग पर "माफिया" का राज है, जिसमें कुछ शीर्ष अभिनेता भी शामिल हैं, और महिला कलाकारों को बेहद कष्टकर परिस्थितियों में काम करना पड़ता है।