स्वामी विवेकानंद की शिष्य ‘सिस्टर निवेदिता’, जिन्होंने भारत को समर्पित कर दिया अपना पूरा जीवन
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर (आईएएनएस)। "मेरा जीवन भारत को अर्पित है, मैं यहीं रहूंगी और यहीं मर जाऊंगी।" ये शब्द थे स्वामी विवेकानंद की सहयोगी और समाज सेविका सिस्टर निवेदिता के। भले ही उनका जन्म भारत में नहीं हुआ हो, लेकिन जब उन्होंने हिंदुस्तान की संस्कृति और परंपराओं के बारे में जाना तो वे यहीं की होकर रह गईं।