हिंदी दिवस विशेष : भारत ही नहीं, इन देशों में भी हिंदी को मिली खास मान्यता

IANS | September 13, 2024 6:22 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भारत विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों का एक देश है, जो पूरी दुनिया के लिए अनेकता में एकता का शाश्वत उदाहरण है। इस देश को एकसूत्र में बांधने का काम हिंदी भाषा करती है। हिंदी को 'भारत की आत्मा' कहा जाए तो गलत नहीं होगा। इस भाषा के जरिए आप पूर्व से पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक जुड़ सकते हैं। कहने का मतलब, हिंदी भारत के माथे पर लगी बिंदी है।

विभाजन विभीषिका : आजादी की अग्नि परीक्षा, तारीख में कैद जीवन की सबसे भयानक त्रासदी

IANS | September 13, 2024 6:05 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भारत की आजादी की तारीख 15 अगस्त 1947 थी। इस तारीख को भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित किया गया है। इस तारीख के इर्द-गिर्द कुछ ऐसी घटनाएं भी घटी, जो भारत के इतिहास और वर्तमान के लिए काफी अहम हैं। उनमें से एक तारीख 13 सितंबर 1947 है।

हिंदी दिवस : आखिर मातृभाषा के तौर पर मान्यता को लेकर इतना शोर क्यों?

गंगेश ठाकुर | September 13, 2024 5:45 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भाषा महज संपर्क या संवाद का जरियाभर नहीं होता। भाषा तो हमेशा से विचारों की संवाहक रही है। यह किसी देश के संस्कार और संस्कृति का आधार भी होता है। चूंकि, किसी देश का संस्कार या संस्कृति महज सरकारें तय नहीं कर सकती। शायद यही वजह है कि हम हिंदी के भाषा के रूप में स्वीकार करने में भारत के कई कोने में हिचकिचाते रहे।

‘श्री विजयपुरम’ के नाम से जाना जाएगा पोर्ट ब्लेयर, केंद्र सरकार का फैसला

IANS | September 13, 2024 5:27 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्र सरकार ने पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ रखने का ऐलान किया है। इसकी जानकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को सोशल मीडिया के जरिए दी।

सेंसेक्स, निफ्टी हल्की गिरावट के साथ बंद, मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर उछले

IANS | September 13, 2024 4:34 PM

मुंबई, 13 सितंबर (आईएएनएस)। शेयर बाजार में शुक्रवार के कारोबारी सत्र में एक सीमित दायरे में कारोबार हुआ। बाजार के मुख्य सूचकांक हल्की गिरावट के साथ बंद हुए हैं।

13 सितंबर 2008: दर्द के 16 साल, सिलसिलेवार धमाकों से दहल गई थी दिल्ली

IANS | September 13, 2024 3:50 PM

नई दिल्ली,13 सितंबर (आईएएनएस)। 13 सितंबर 2008, दिन शनिवार, अगले दिन रविवार की छुट्टी। दिल्ली खुश थी, बाजारों की रौनक देखते ही बनती थी। तभी कुछ ऐसा हुआ जिसने खुशियों को मातम में बदल दिया। एक के बाद एक बम धमाके हुए। गफ्फार मार्केट से शुरू सिलसिला ग्रेटर कैलाश में जा कर थमा। असमंजस की स्थिति थी और हंसती खेलती दिल्ली सिसकती, कराहती दिखने लगी। आखिर किसकी थी ये 'नापाक' साजिश? कौन खुशनुमा जिंदगियों को तबाह करना चाहता था?

केजरीवाल को जमानत मिलने पर बोले मनोज तिवारी, दिल्ली को कितना दर्द दोगे, ये जनता पूछना चाहती है

IANS | September 13, 2024 1:55 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें जमानत दे दी। हालांकि कोर्ट ने केजरीवाल को 10-10 लाख रुपये के मुचलके के साथ-साथ उन पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे है, वहीं केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी, उन पर हमलावर है।

हैदराबाद का भारत में विलय, कई दिनों तक चले 'ऑपरेशन पोलो' में आखिर क्या हुआ?

IANS | September 13, 2024 1:31 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। 15 अगस्त, 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी तो मिल गई थी, लेकिन इसके बाद भी देश को पूर्ण तरह से स्वतंत्र होने में काफी समय लगा। अंग्रेजों ने भारत को दो हिस्सों (पाकिस्तान और भारत) में बांट दिया था, लेकिन इसके साथ ही 500 से अधिक रियासतों को भी बीच मझधार में छोड़ दिया था। उन्हें एकजुट करने की चुनौती उस समय देश के कर्ता-धर्ता के सामने एक बड़ी परेशानी का सबब था।

परमवीर परमेश्वरन : विदेशी जमीन पर सर्वोच्च बलिदान, अंतिम सांस तक लड़ने वाले मेजर

IANS | September 13, 2024 12:12 PM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय सेना ने हर रोल को बखूबी निभाया है। चाहे बात शांति काल की हो या युद्ध के मैदान की।

कविता की महफिल से मुंबई नगरिया तक जिनके कलमों ने लोगों को चखाया 'बनारसी पान' का स्वाद

IANS | September 13, 2024 10:58 AM

नई दिल्ली, 13 सितंबर (आईएएनएस)। कविता शौक़ के लिए लिखी जाए तो डायरी के पन्नों में कहीं दबकर दम तोड़ देती है। लेकिन, यही कविता जब डायरी के पन्नों से निकलकर संगीत की सरिता से जुड़ फिजाओं में बह निकले तो फिर कहना ही क्या। लोगों को इसी तरह लालजी पाण्डेय ने अपनी कविता से खूब रिझाया। कविताओं में भोजपुरी और पूर्वांचल की मिठास घोले शब्द जब उन्होंने पन्नों पर उकेरे तो सुनने वालों ने इसका खूब मजा लिया।