विश्व उर्दू दिवस: हिंदी की माटी पर भाषा का 'उर्दू' वाला श्रृंगार, आखिर आज की युवा पीढ़ी को क्यों पसंद आ रहा? जानिए मशहूर लेखकों की राय

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। भाषा कोई भी हो उसकी समृद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि वह भौगोलिक दृष्टि से कितने परिवेश तक सहज और सरल तरीके से प्रभाव छोड़ रही है। यही वजह है कि हिंदी और उर्दू जैसी भाषाएं अपनी सहजता और सरलता के साथ दुनिया के हर भौगोलिक क्षेत्र तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही हैं।

एकता मार्च: सीएम भूपेंद्र पटेल 9 नवंबर को जूनागढ़ से राज्यव्यापी पदयात्रा का करेंगे शुभारंभ

IANS | November 8, 2025 7:25 PM

गांधीनगर, 8 नवंबर (आईएएनएस)। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल रविवार को जूनागढ़ से एकता मार्च के तहत राज्यव्यापी पदयात्रा शुरू करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से मनाई जा रही सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर राज्य सरकार के खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां विभाग और जूनागढ़ जिला प्रशासन द्वारा एकता मार्च का आयोजन किया गया है।

बेतिया में पीएम मोदी की रैली में उमड़ा जनसैलाब, लोग बोले- इस बार एनडीए की प्रचंड जीत तय

IANS | November 8, 2025 7:17 PM

बेतिया, 8 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को बिहार के बेतिया में जनसभा को संबोधित किया। मैदान में भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को सुना। लोगों ने कहा कि एनडीए की सरकार में प्रदेश का विकास हुआ है। इस बार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत तय है। एनडीए की सरकार बनने के बाद प्रदेश के विकास को नए पंख लगेंगे।

भारत 23 वर्ल्ड-क्लास रिफाइनरियों के साथ अब टॉप पांच रिफाइनिंग देशों में शामिल : हरदीप सिंह पुरी

IANS | November 8, 2025 7:15 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि 23 वर्ल्ड-क्लास रिफाइनरियों और 258.2 एमएमटीपीए की कुल क्षमता के साथ भारत अब टॉप पांच रिफाइनिंग देशों में शामिल हो गया है।

सौ रोगों की एक रामबाण औषधि, जो शरीर की हर समस्या को करे दूर

IANS | November 8, 2025 6:46 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। आयुर्वेद में कुछ औषधियां हैं, जो कई रोगों पर एक साथ असर करती हैं, उन्हीं में से एक है चंद्रप्रभा वटी। यह दवा शरीर को शीतलता, स्फूर्ति और ऊर्जा देने का काम करती है। इसका जिक्र चरक संहिता और भैषज्य रत्नावली जैसे प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है।

'ईज ऑफ डूइंग' और 'ईज ऑफ लिविंग' बिना 'ईज ऑफ जस्टिस' के संभव नहीं : प्रधानमंत्री मोदी

IANS | November 8, 2025 6:37 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजधानी दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में कानूनी सहायता वितरण तंत्र को मजबूत करने पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया।

भारत-ऑस्ट्रेलिया इकोनॉमिक पार्टनरशिप को लेकर प्रोडक्टिव रही बातचीत : पीयूष गोयल

IANS | November 8, 2025 6:12 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल और कौशल और प्रशिक्षण मंत्री एंड्रयू जाइल्स के साथ अपनी सफल बैठक को लेकर जानकारी दी।

राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस : अनुच्छेद 39(ए) से लोक अदालत तक, कैसे भारत ने हर नागरिक के लिए न्याय को सुलभ बनाया?

IANS | November 8, 2025 5:30 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। हर साल 9 नवंबर को 'राष्ट्रीय कानूनी सेवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है। यह सुनिश्चित करने का संकल्प है कि कानून की नजर में सभी बराबर हों।

संघर्ष से स्वर्णिम सफर तक: 9 नवंबर 2000 को बना था उत्तराखंड, नई ऊंचाइयों को छू रहा राज्य

IANS | November 8, 2025 5:09 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तराखंड के इतिहास में 9 नवंबर की तारीख स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। यह उत्तराखंड के स्थापना दिवस की तारीख है, जिसने 2025 में अपने 25 साल पूरे कर लिए हैं। उत्तराखंड की मांग को लेकर कई वर्षों तक आंदोलन चले। 1990 के दशक का वह आखिरी दौर था, जब उत्तराखंड के लोग पृथक निर्माण के लिए अपना धैर्य खो रहे थे। आखिरकार 9 नवंबर 2000 को उत्तराखंड के लिए वह ऐतिहासिक दिन था, जब उसे भारत के 27वें राज्य के रूप में पहचान मिली। वर्तमान में उत्तराखंड शिखर जैसी ऊंचाइयां छू रहा है और राज्य स्थापना की 'सिल्वर जुबली' मना रहा है।

हिंदी कविता के 'एंग्री यंग मैन' : मजदूरों की पीड़ा को शब्द देने वाले धूमिल, पूंजीपतियों पर भी उठाए सवाल

IANS | November 8, 2025 4:53 PM

नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। सुदामा पांडेय 'धूमिल' की कविताएं न सिर्फ आजादी के सपनों के मोहभंग को उजागर करती हैं, बल्कि पूंजीवाद, राजनीति और आम आदमी की विवशता पर करारा प्रहार करती हैं। यही कारण है कि चालीस के दशक में जन्मे इस कवि की कविताएं आज के दौर में भी प्रासंगिक हैं।