विश्व उर्दू दिवस: हिंदी की माटी पर भाषा का 'उर्दू' वाला श्रृंगार, आखिर आज की युवा पीढ़ी को क्यों पसंद आ रहा? जानिए मशहूर लेखकों की राय
नई दिल्ली, 8 नवंबर (आईएएनएस)। भाषा कोई भी हो उसकी समृद्धि का अंदाजा इस बात से लगाया जाता है कि वह भौगोलिक दृष्टि से कितने परिवेश तक सहज और सरल तरीके से प्रभाव छोड़ रही है। यही वजह है कि हिंदी और उर्दू जैसी भाषाएं अपनी सहजता और सरलता के साथ दुनिया के हर भौगोलिक क्षेत्र तक अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही हैं।