एक्सक्लूसिव: उस्ताद बिस्मिल्लाह खां को पद्मश्री राजेश्वर आचार्य ने किया याद, बताया 'बनारस की संस्कृति के थे सच्चे प्रतीक'
वाराणसी, 21 मार्च (आईएएनएस)। शहनाई के छोटे-छोटे छिद्रों पर अपनी जादू भरी उंगलियां फेरकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाले ‘शहनाई के जादूगर’ और भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की आज 109वीं जयंती है। इस मौके पर पद्मश्री, जलतरंग वादक और उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के पूर्व अध्यक्ष डॉ. राजेश्वर आचार्य ने उस्ताद को 'बनारस की संस्कृति का सच्चा प्रतीक' बताया और उनसे जुड़े एक किस्से का जिक्र किया।