कुर्रतुलऐन हैदर : जिनकी रचना 'आग का दरिया' ने उर्दू साहित्य को दी नई पहचान

IANS | August 20, 2025 8:03 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी भाषा जहां भारतीय संस्कृति और समाज को एक सूत्र में बांधती है, तो वहीं उर्दू भाषा अपनी शायरी, नफासत और जज्बातों के साथ दिलों को जोड़ने का काम करती है। हिंदी के बाद उर्दू एक ऐसी भाषा है, जिसने देश को अनगिनत रत्न देने का काम किया है। इन्हीं रत्नों में से एक उर्दू साहित्य की अमर लेखिका कुर्रतुलऐन हैदर थीं, जिन्होंने उर्दू भाषा की इस अनूठी शक्ति को अपनी रचनाओं में न केवल जीवंत किया, बल्कि उसे विश्व साहित्य के पटल पर एक नई पहचान देने का काम किया।

शहनाई के जादूगर : शिव और शिवनगरी के प्रेमी थे ‘उस्ताद’, 'मेरी गंगा कहां से लाओगे' कह ठुकरा दिया था अमेरिका का प्रस्ताव

IANS | August 20, 2025 4:43 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जब शहनाई बजाते थे तो मानो गंगा की धारा बह उठती थी। छोटे से वाद्ययंत्र के छिद्रों पर उनकी जादुई पकड़ ने शहनाई को भारत की आत्मा और बनारस की पहचान बना दिया और उन्हें 'भारत रत्न' की उपाधि दिलाई। उस्ताद के लिए सबसे बड़ा सम्मान गंगा के घाट और बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी थी। यही कारण है कि जब उन्हें अमेरिका में बसने का प्रस्ताव मिला, तो उन्होंने बड़ी सहजता से जवाब दिया, "अमेरिका में आप मेरी गंगा कहां से लाओगे?”

जयपुर : मोती की बूंद जैसी दिखने वाली पहाड़ी पर विराजमान दाहिने सूंड वाले गणपति

IANS | August 20, 2025 4:37 PM

जयपुर, 20 अगस्त (आईएएनएस)। भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के साथ गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी। देश में विघ्न विनाशक के कई ऐसे मंदिर हैं, जो उनसे जुड़े चमत्कार को बताते हैं। राजस्थान की 'गुलाबी नगरी' जयपुर में भी ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है, जहां मोती की बूंद जैसी दिखने वाली पहाड़ी पर दाहिने सूंड वाले गणपति विराजमान हैं।

1972 का वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, भारत की पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

IANS | August 20, 2025 4:22 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। साल 1972 में भारत ने पर्यावरण और जैव विविधता संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया था, जब 21 अगस्त को लोकसभा में वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम को पारित किया गया था। यह अधिनियम भारत की समृद्ध जैव विविधता और वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ।

हर तुलसी का है अपना महत्व, राम, श्याम, कपूर या वन- आपके घर में कौन सी है?

IANS | August 20, 2025 3:03 PM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। घर के आंगन में लगी तुलसी केवल पौधा नहीं, बल्कि परंपरा, आस्था और सेहत का संगम मानी जाती है। हर किस्म की तुलसी की अपनी एक अनूठी पहचान है। कहीं यह धार्मिक अनुष्ठानों का केंद्र है, तो कहीं औषधीय खजाने का स्रोत। खास बात है कि केवल राम और श्याम ही नहीं, बल्कि तुलसी की कई किस्में होती हैं, जिनमें कपूर और वन तुलसी भी शामिल है। तुलसी अपनी अनूठी सुगंध और औषधीय गुणों के लिए जानी जाती है।

मन को तरोताजा और स्ट्रेस को कम करता है मेडिटेशन, ऐसे लगाएं ध्यान

IANS | August 20, 2025 11:57 AM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी के तनाव और शोर में मानसिक शांति की तलाश हर व्यक्ति को है। ऐसे में मेडिटेशन बेहद कारगर है। ध्यान को दिनचर्या में शामिल कर शांति और संतुलन लाया जा सकता है। भारत सरकार का आयुष मंत्रालय ध्यान के बारे में विस्तार से जानकारी देता है।

मासिक शिवरात्रि पर गुरु-पुष्य समेत बन रहे ये अति शुभ योग, ऐसे करें महादेव की पूजा

IANS | August 20, 2025 9:28 AM

नई दिल्ली, 20 अगस्त (आईएएनएस)। प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। 21 अगस्त को मासिक शिवरात्रि है और इस दिन गुरु-पुष्य योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि जैसे अति शुभ योगों का संयोग बन रहा है। यह दिन भगवान शिव की उपासना और शुभ कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है।

स्मृति शेष : राम शरण शर्मा की 'प्राचीन भारत', कलम की ताकत पन्नों में कैद

IANS | August 19, 2025 9:03 PM

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। इतिहासकार और शिक्षाविद् राम शरण शर्मा की याद में दो दशक से अधिक समय बीत जाने पर भी एक घटना उनकी उदार सोच और जिज्ञासु स्वभाव की मिसाल मानी जाती है। यह घटना उनके जीवन से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है, जब उनकी कलम की ताकत को पन्नों में ही कैद कर दिया गया।

ब्लड सर्कुलेशन करता है बेहतर तो पाचन तंत्र को सुधारता है ये सरल आसन

IANS | August 19, 2025 6:49 PM

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल, काम का प्रेशर और अनियमित दिनचर्या हजार समस्याओं की जड़ बन सकते हैं। योग पद्धति के पास ज्यादातर समस्याओं का समाधान है। ऐसे ही योगासन का नाम है ताड़ासन, जिसे ‘पर्वत मुद्रा’ या ‘ताड़ के पेड़ की मुद्रा’ के नाम से जाना जाता है, जो बेहद प्रभावी आसन है।

हिंदी सॉनेट के साधक त्रिलोचन शास्त्री की कविताओं में मेहनतकशों की आवाज

IANS | August 19, 2025 6:13 PM

नई दिल्ली, 19 अगस्त (आईएएनएस)। हिंदी साहित्य की प्रगतिशील काव्य धारा के प्रमुख स्तंभ त्रिलोचन शास्त्री का नाम आज भी साहित्य प्रेमियों के दिलों में जीवंत है। उनके रचित सॉनेट को हिंदी साहित्य में अनोखा स्थान प्राप्त है। वहीं, उनकी कविताओं में मेहनतकशों की पीड़ा और असमानता के प्रति गहरी चेतना प्रकट होती है।