संक्रमण रोकने और सेहत बनाए रखने में मददगार 'शिरीष', आयुर्वेद में कहते हैं ‘गुणों की खान’

IANS | July 19, 2025 2:26 PM

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। शिरीष के फल और फूल को आयुर्वेद में औषधि माना गया है। इसके फूल और पत्तियां न केवल इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि इसके औषधीय गुणों से भी यह शरीर और मस्तिष्क दोनों के लिए लाभकारी हैं। इसकी फूल और पत्तियां शरीर के विभिन्न विकारों को ठीक करने में सहायक है।

खूबसूरत फूलों वाली मधुमालती, सेहत का रामबाण इलाज!

IANS | July 19, 2025 1:04 PM

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। मधुमालती, जो आमतौर पर घरों और बाग-बगीचों की खूबसूरती बढ़ाती नजर आती है, घरों पर चढ़ी गुलाबी-सफेद लता का आयुर्वेद में खासा स्थान है। मधुमालती का उपयोग त्वचा, पाचन, बुखार और डायबिटीज से निजात दिलाने में कारगर है।

स्मृति शेष : इंकलाब की गूंज में खो गया एक सच्चा क्रांतिकारी, जिसे इतिहास ने याद तो किया, पर देश ने नहीं पहचाना

IANS | July 19, 2025 9:55 AM

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। जब हम भगत सिंह का नाम सुनते हैं, तो हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। लेकिन, बहुत कम ही लोग जानते हैं कि उस 'इंकलाब जिंदाबाद' की गूंज में एक और आवाज थी, जो उतनी ही बुलंद और प्रभावी थी। नाम था बटुकेश्वर दत्त। भगत सिंह के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाला साथी, असेंबली बम कांड का नायक और 'हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन' का सच्चा सिपाही! लेकिन, आज उनकी पुण्यतिथि पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आजाद भारत ने उन्हें वह सम्मान दिया, जिसके वे हकदार थे?

पूरे शरीर के लिए लाभदायक ताड़ासन, अभ्यास से मिलते हैं अनेक फायदे

IANS | July 19, 2025 9:20 AM

नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)। योग के क्षेत्र में ताड़ासन, जिसे 'ताड़ के पेड़ की मुद्रा' या 'पर्वत मुद्रा' के नाम से जाना जाता है, एक मूलभूत खड़े आसन है। यह आसन न केवल शारीरिक स्थिरता और संतुलन को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक ताकत को भी प्रोत्साहित करता है।

जयंती विशेष: आजादी के लिए नौकरी छोड़ी, जेल गए मगर हिम्मत न हारी, खूबचंद बघेल की प्रेरणादायक कहानी

IANS | July 18, 2025 3:43 PM

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ की धरती ने कई महान सपूतों को जन्म दिया है, जिनमें खूबचंद बघेल का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है। वे छत्तीसगढ़ के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने न केवल राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया, बल्कि क्षेत्रीय अस्मिता, कृषक कल्याण और सांस्कृतिक जागरूकता को भी एक नई दिशा दी। हर वर्ष 19 जुलाई को महान स्वतंत्रता सेनानी, समाज सुधारक और कृषक नेता खूबचंद बघेल की जयंती मनाई जाती है।

बालों को काला और घना बनाता है 'भृंगराज', जानें तेल बनाने की विधि

IANS | July 18, 2025 11:07 AM

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। आयुर्वेद में भृंगराज का खास स्थान है। यह बालों को काला करने और चमत्कार बनाने के साथ ही बुद्धि को भी तेज करता है। आयुर्वेद में इसे ‘केशराज' नाम से भी जाना जाता है। इसके पत्ते, फूल, तने और जड़ सभी औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं।

महिलाओं के लिए बेहद फायदेमंद ‘भद्रासन’, एक-दो नहीं कई समस्याओं को करता है छूमंतर

IANS | July 18, 2025 10:24 AM

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। शरीर और मन को स्वस्थ रखने का सबसे आसान और प्रभावी तरीका है योग। ऐसा ही एक सरल योगासन है ‘भद्रासन’, जो खासतौर पर महिलाओं के लिए फायदेमंद है। यह आसन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति भी देता है। रोजाना कुछ मिनट भद्रासन करने से तनाव कम होता है और कई स्वास्थ्य समस्याएं दूर होती हैं।

अनिद्रा हो या मानसिक चिंता, समस्याओं को कोसों दूर भेजता है ‘कृष्ण कमल’

IANS | July 18, 2025 9:31 AM

नई दिल्ली, 18 जुलाई (आईएएनएस)। बैंगनी रंग का चमकदार और सुगंधित फूल ‘कृष्ण कमल’ न केवल अपनी खूबसूरती से मन मोहता है, बल्कि इसके औषधीय गुण इसे आयुर्वेद में खास बनाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण को प्रिय इस फूल को अंग्रेजी में ‘पैशन फ्लावर’ कहा जाता है। यह न सिर्फ घर के माहौल को सकारात्मक बनाता है, बल्कि अनिद्रा, तनाव समेत अन्य मानसिक और शारीरिक समस्याओं को भी कोसों दूर भेज देता है।

शिव की नगरी देवघर में आस्था का सैलाब, आठ दिनों में 8.7 लाख कांवरियों ने किया जलाभिषेक

IANS | July 17, 2025 10:17 PM

देवघर, 17 जुलाई (आईएएनएस)। झारखंड के देवघर स्थित बाबाधाम में 10 जुलाई से चल रहे ऐतिहासिक श्रावणी मेले में श्रद्धालुओं और कांवरियों का सैलाब उमड़ रहा है। बीते आठ दिनों में अब तक कुल 8,70,053 कांवरियों ने विश्व प्रसिद्ध मनोकामना ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक किया है।

जयंती विशेष : भारत की पहली महिला डॉक्टर, जिन्होंने महिलाओं के लिए खोले शिक्षा और स्वतंत्रता के द्वार

IANS | July 17, 2025 6:35 PM

नई दिल्ली, 17 जुलाई (आईएएनएस)। जब 19वीं सदी का भारत स्त्री शिक्षा को पाप समझता था और महिलाएं घर की चारदीवारी से बाहर नहीं निकलती थीं। उस दौर में एक स्त्री ने न केवल पितृसत्ता को चुनौती दी, बल्कि इतिहास के पन्नों पर अपने साहस, बुद्धिमत्ता और कर्मठता से अमिट छाप छोड़ी। उनका नाम था डॉ. कादम्बिनी गांगुली, भारत की पहली महिला स्नातक, पहली महिला चिकित्सक और एक अद्वितीय समाज सुधारिका। उनका जन्म महज एक तारीख नहीं, बल्कि भारतीय नारी शक्ति के पुनर्जागरण की शुरुआत है। 18 जुलाई का दिन उनकी जयंती मनाने से कहीं बढ़कर उस विचार और संघर्ष को सम्मान देने का क्षण है, जिसने भारत में महिलाओं की शिक्षा, स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की नींव रखी।