पंडित जसराज : शास्त्रीय संगीत की एक ऐसी खनकती आवाज, जिसने अंटार्कटिका के दक्षिणी ध्रुव को भी जीवंत कर दिया था
नई दिल्ली, 17 अगस्त (आईएएनएस)। माता सरस्वती ने जिनके गले को वीणा के सुरों से भी ज्यादा मिठास दी। जिनकी चार पीढ़ियां संगीत से जुड़ी रही। जिनको संगीत विरासत में मिला। जिन्होंने चार साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया लेकिन संगीत साधना का रास्ता नहीं छोड़ा। ऐसे थे पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री से सम्मानित पंडित जसराज।