शिवाजी सावंत: जिनके पहले ही उपन्यास ‘मृत्युंजय’ ने रचा कीर्तिमान, अंगराज कर्ण की कहानी बयां कर हो गए अमर
नई दिल्ली, 31 अगस्त (आईएएनएस)। महाभारत का कर्ण कुछ अलग ही था। सूर्य कवच और कुंडल वाला महा दानवीर जिसने जीवन में बहुत कुछ सहा। जो कुंती के परित्यक्त पुत्र ने सहा उसकी गाथा को शिवाजी सांवत ने एक उपन्यास का आकार दे दिया। मराठी कृति का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ और आज भी साहित्य जगत में 'मृत्युजंय' का खास दखल है।