मुंबई नाइट्स : संजीव पालीवाल का यह उपन्यास जागती-इतराती मायानगरी के स्याह काले रंग और व्यवस्था की साजिश की पोल खोल
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। उपन्यास एक ऐसा शब्द जाल जिसके ताने-बाने को ऐसे बुना जाता है कि यह पाठक को अपने से स्वतः जोड़ ले। जिसके पन्नों पर छपे शब्द पाठक के मन के अंदर चित्रों का माध्यम तैयार करे। पाठक तब तक उसके जादू से अपने आप को वापस नहीं निकाल पाते हैं, जब तक आप उपन्यास के पन्नों के अंतिम पायदान तक ना पहुंच जाएं। 'नैना', 'पिशाच' और 'ये इश्क नहीं आसां' जैसे चर्चित उपन्यासों के बाद अब एक और उपन्यास लेकर पाठकों के बीच आए हैं लेखक-पत्रकार संजीव पालीवाल। अपने तीन पूर्व उपन्यासों के जरिए पहले से ही पाठकों के दिलों में जगह बना चुके क्राइम थ्रिलर के युवराज संजीव पालीवाल का यह उपन्यास मायानगरी की वह हकीकत बयां करती है जिससे कम ही लोग वाकिफ हैं।