वासुदेव शरण अग्रवाल : भारत के अनमोल रत्न, जिन्होंने भारतीय साहित्य और संस्कृति को नया दृष्टिकोण दिया
नई दिल्ली, 26 जुलाई (आईएएनएस)। भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक धरोहर को विश्व पटल पर स्थापित करने वाले विद्वानों में डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल का नाम अग्रणी है। 7 अगस्त, 1904 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के खेड़ा गांव में जन्मे वासुदेव शरण अग्रवाल ने भारतीय इतिहास, संस्कृति, कला, साहित्य और पुरातत्व के क्षेत्र में अपनी अमिट छाप छोड़ी। उनके पिता गोपीनाथ अग्रवाल और माता सीता देवी के संरक्षण में उनका बचपन लखनऊ में बीता, जहां से उनकी शैक्षिक यात्रा ने गति पकड़ी। साहित्य, कला और प्राचीन भारतीय ग्रंथों के प्रति उनकी गहरी रुचि ने उन्हें एक बहुआयामी विद्वान बनाया।