रेयर अर्थ की कमी के कारण महाराष्ट्र में लागत में वृद्धि या परियोजना में देरी की कोई जानकारी नहीं : केंद्र

रेयर अर्थ की कमी के कारण महाराष्ट्र में लागत में वृद्धि या परियोजना में देरी की कोई जानकारी नहीं  : केंद्र

नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। शुक्रवार को संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, प्रमुख रेयर अर्थ मैग्नेट पर हाल ही में लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों के परिणामस्वरूप सप्लाई चेन में बाधाएं उत्पन्न हुई हैं, जिसका असर ऑटो और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर सहित उपयोगकर्ता उद्योगों पर पड़ रहा है, लेकिन महाराष्ट्र के उद्योगों से लागत में वृद्धि या परियोजना में देरी की कोई सूचना नहीं है।

राज्यसभा में एक प्रश्न के जवाब में केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा, "मंत्रालय को महाराष्ट्र के औरंगाबाद-नासिक-पुणे ऑटो बेल्ट और मुंबई व नवी मुंबई के इलेक्ट्रॉनिक्स क्लस्टरों की कंपनियों से रेयर अर्थ मैग्नेट की कमी के कारण लागत में वृद्धि या परियोजना में देरी के संबंध में कोई विशिष्ट रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।"

राज्य मंत्री से पूछा गया था कि क्या रेयर अर्थ मटीरियल के लिए भारत की चीन पर निर्भरता कम करने के लिए कोई अंतर-मंत्रालयी टास्क फोर्स या मिशन-मोड कार्यक्रम स्थापित किया गया है या क्या सरकार रेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उत्पादन-आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर विचार कर रही है। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि वर्तमान में, ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

सरकार कुछ देशों द्वारा रेयर अर्थ मैग्नेट पर लगाए गए निर्यात प्रतिबंधों से उत्पन्न चुनौतियों को कम करने, सप्लाई चेन में व्यवधानों को कम करने और भारतीय आयातकों के हितों की रक्षा करने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रही है।

सरकार के अनुसार, भारत में लगभग 7.23 मिलियन टन (एमटी) रेयर अर्थ एलिमेंट ऑक्साइड (आरईओ) मौजूद है, जो 13.15 मीट्रिक टन मोनाज़ाइट (थोरियम और रेयर अर्थ का एक खनिज) में समाहित है। यह मोनाजाइट आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, झारखंड, गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय समुद्र तटों, टेरी और लाल रेत में पाया जाता है। इसके अलावा, 1.29 मीट्रिक टन रेयर अर्थ गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में कठोर चट्टानों में पाए जाते हैं।

भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वक्षण (जीएसआई) ने 34 एक्सप्लोरेशन प्रोजेक्ट में विभिन्न कट-ऑफ ग्रेड पर आरईई अयस्क के 482.6 एमटी संसाधनों में वृद्धि की है। पिछले 10 वर्षों के दौरान निर्यात किए गए रेयर अर्थ मिनरल की मात्रा 18 टन है, जबकि रेयर अर्थ मिनरल्स का कोई आयात नहीं हुआ है।

लिथियम, ग्रेफाइट, कोबाल्ट, टाइटेनियम, रेयर अर्थ एलिमेंट आदि जैसे महत्वपूर्ण खनिजों की मांग अत्यधिक है क्योंकि इनका इलेक्ट्रिक वाहन, रिन्यूएबल एनर्जी और डिफेंस जैसे विभिन्न सेक्टर में रणनीतिक उपयोग होता है।

--आईएएनएस

एसकेटी/