नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। भारत-यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) होने बाद सभी की निगाहें यूरोपीय यूनियन (ईयू) से होने वाली ट्रेड डील पर लगी हुई हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि एफटीए को लेकर ईयू से जून 2022 से बातचीत चल रही है और 12 राउंड की वार्ता पूरी हो चुकी हैं, जिसमें से आखिरी जुलाई 2025 में संपन्न हुआ था।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने एक प्रश्न के जवाब में राज्यसभा को लिखित में बताया कि यूरोपीय यूनियन को व्यापारिक निर्यात में पिछले पांच वर्षों में वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 41.36 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 75.76 बिलियन डॉलर हो गया है।
सरकार ने कहा कि भारत और यूरोपीय यूनियन 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि अमेरिका को व्यापारिक निर्यात में भी पिछले पांच वर्षों में वृद्धि देखी गई है, जो वित्त वर्ष 2020-21 में 51.6 बिलियन डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2024-25 में 86.5 बिलियन डॉलर हो गया है।
भारत ने ट्रे़ड वार्ता के सफल समापन के बाद, ब्रिटेन के साथ एक व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर किए हैं।
आने वाले महीने भारत के वैश्विक व्यापार संबंधों के लिए महत्वपूर्ण होंगे, क्योंकि सरकार यूरोपीय यूनियन और आसियान जैसे प्रमुख भागीदारों के साथ एफटीए को लेकर बातचीत तेज कर रही है।
सरकार के अनुसार, भारत-यूरोपीय यूनियन व्यापार वार्ता में, दोनों पक्षों ने वस्तुओं और सेवाओं के लिए अपने बाजार पहुंच प्रस्तावों का आदान-प्रदान किया है। समझौते के कुछ हिस्सों को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 'चैप्टर्स' कहा जाता है, जबकि उन मुद्दों पर चर्चा जारी है जिन पर दोनों पक्ष असहमत हैं। अगले दौर की वार्ता सितंबर के पहले सप्ताह में भारत में होने की उम्मीद है।
दोनों पक्ष इस प्रक्रिया को तेज करने के लिए पहले एक अंतरिम संस्करण तैयार करने पर भी सहमत हुए हैं।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने पिछले महीने कहा था कि प्रस्तावित भारत-यूरोपीय यूनियन मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) मजबूत आर्थिक संबंधों और समावेशी विकास के भविष्य के निर्माण के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
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