शायर मुनव्वर राणा: जिनकी कलम से मां की मोहब्बत महकती रही
नई दिल्ली, 25 नवंबर (आईएएनएस)। 'किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकां आई, मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई।' यह शब्द उस शायर के हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कागजों पर शायरी में 'मां' के लिए उकेरी, जिसे किसी भी जुबान, धर्म और किसी भी इलाके में सबसे बड़ा दर्ज मिला होता है। यह शायर थे, अपनी अनूठी आवाज और शैली के लिए जाने जाने वाले मुनव्वर राणा।